नड्डा ने ग्लोबल फंड की छठी पुन: पूर्ति तैयारी बैठक को संबोधित किया

नईदिल्ली ,08 फरवरी (आरएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने आज ग्लोबल फंड की छठी पुन: पूर्ति तैयारी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में घरेलू वित्तीय आवंटन को बढ़ाकर भारत ने विश्व स्तर पर एक उदारहण पेश किया है।
1.6 करोड़ लोगों के जीवन को बचाने में सहायता के लिए, एचआईवी, टीबी व मलेरिया के संबंध में मृत्यु दर को आधा करने के लिए तथा 2023 तक मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण के लिए ग्लोबल फंड अगले तीन वर्षों के लिए कम से कम 14 बिलियन डॉलर की धन राशि प्राप्त करना चाहता है।
ग्लोबल फंड की छठी पुन: पूर्ति तैयारी बैठक का आयोजन स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने किया था। बैठक में सरकारों, कोष प्रदाताओं, तकनीकी सहयोगियों और नागरिक समूहों ने भाग लिया।
केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल, फ्रांस सरकार की स्वास्थ्य व सद्भावना मंत्री सुएग्नेस बुजिऩ, राजदूत जीन क्लाउड कुगनर, भारत में लक्समबर्ग की स्थायी प्रतिनिधि और डब्ल्यूएचओ की कार्यक्रम उप महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, ग्लोबल फंड के कार्यकारी निदेशक पीटर सैंड्स और कई देशों के प्रतिनिधिमंडल ने इस बैठक में भाग लिया।
नड्डा ने कहा कि नीतियों और कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में सफलता अर्जित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस स्थिति में हैं कि इन बीमारियों को जड़ से समाप्त कर सकें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सतत विकास लक्ष्य-2030 से यह लक्ष्य 5 वर्ष पहले निर्धारित किया गया है। नड्डा ने कहा कि भारत सरकार ने स्वास्थ्य के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। मैं सभी देशों से आग्रह करता हूं कि वे भी इस संबंध में उदाहरण प्रस्तुत करें।
केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत मलेरिया, टीबी और एचआईवी बीमारियों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सभी लोगों के लिए किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।
फ्रांस सरकार की स्वास्थ्य व सद्भावना मंत्री सुएग्नेस बुजिऩ ने कहा कि 2030 तक इन तीन महामारियों को समाप्त करने के लिये लड़ाई तेज करनी होगी। उन्होंने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे इस कार्यक्रम को सफल बनाएं।
ग्लोबल फंड के कार्यकारी निदेशक पीटर सैंड्स ने वैश्विक स्वास्थ्य के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय सरकार की प्रतिबद्धता तथा संसाधनों की आवश्यकता होती है। सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जिस वैश्विक सद्भावना की आवश्यकता होती है वह हमें नई दिल्ली में दिखाई पड़ी है। पीटर सैंड्स ने कहा कि हम भारत के नेतृत्व में पूरे विश्व को इन महामारियों से मुक्त करने के लिए हम महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं। (साभार-पीआईबी)
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