भाजपा को रास आ रहा है कांग्रेस का अल्पसंख्यक कार्ड

नई दिल्ली ,08 फरवरी (आरएनएस)। प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से उत्तर प्रदेश में त्रिकोणात्मक मुकाबले के आसार से राहत महसूस कर रही भाजपा अब कांग्रेस के अल्पसंख्यक कार्ड चलने से खुश है। पाटी्र्र के रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नरम हिंदुत्व कार्ड से बढ़ी परेशानी की काट उसी पार्टी केअल्पसंख्यक कार्ड से हो जाएगा। गौरतलब है कि अल्पसंख्यक सम्मेलन में कांग्रेस ने बीते बीरवार को सत्ता में आते ही तीन तलाक कानून को निरस्त कर देगी। हालांकि इस सियासी गलती का अहसास होते ही कांग्रेस ने इस संबंध में दिए गए अपने सांसद के बयान से किनारा करना शुरू कर दिया है।
कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव से पूर्व राहुल केनरम हिंदुत्व कार्ड को भाजपा हल्के में ले रही थी। गुजरात विधानसभा नतीजे के बाद जब तक भाजपा संभली तब तक उसे तीन और पार्टीशासित राज्य छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान कांग्रेस के हाथों गंवाना पड़ा। अब जबकि कांग्रेस अध्यक्ष के सामने ही पार्टी सांसद सुष्मिता देब ने सत्ता में आते ही तीन तलाक कानून को खत्म करने की बात कही है, उससे भाजपा के रणनीतिकार खुश हैं। पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि इस अल्पसंख्यक कार्ड से राहुल का नरम हिंदुत्व का सियासी दांव अपने आप औंधे मुंह गिरेगा। पार्टी भी इस बयान का व्यापक प्रचार प्रसार करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी।
दरअसल 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने स्वीकार किया था कि इस दौरान पार्टी की छवि अल्पसंख्यक तुष्टिïकरण करने वाली हिंदु विरोधी पार्टी की बन गई। इसी की काट केलिए राहुल ने अचानक नरम हिंदुत्व का चोला ओढ़ा था। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस के अल्पसंख्यक कार्ड से उस मुसलमान बिरादरी के मतों में बंटवारे की संभावना बढ़ेगी जहां पार्टी का कोई आधार नहीं है। फिलहाल इस बिरादरी में सपा और बसपा की गहरी पैठ है। चूंकि इस बिरादरी में भाजपा का कोई आधार नहीं है इसलिए वह तीन तलाक कानून केजरिए इस बिरादरी के एक वर्ग में पैठ बनाने की कोशिश में है।
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