त्वरित सुनवाई नहीं हुई तो सरकार ने की पहल

नई दिल्ली,29 जनवरी (आरएनएस)। अयोध्या विवाद से जुड़ी गैरविवादित भूमि को वापस लौटाने केलिए सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दायर याचिका पर सरकार ने सफाई दी है। सरकार के वरिष्ठ मंत्री और भाजपा के वरिष्ठï नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रतिदिन सुनवाई का रास्ता साफ न होने के बाद ही सरकार ने इस दिशा में पहल की है। उन्होंने कहा कि सरकार विवादित ढांचे वाले के हिस्से को नहीं छू रही, बल्कि गैरविवादित भूमि राम जन्मभूमि न्यास सहित अन्य को लौटाना चाहते हैं। सरकार को नहीं बल्कि जिनकी जमीन है उन्हें तय करना है उन्हें इसका क्या करना है।
एक प्रेस कांफ्रेंस में जावड़ेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने कहा था कि इस मुद्दे से जुड़ी गैरविवादित भूमि पर सरकार को निर्णय लेना है। सरकार ने पहले इस मामले की प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई को पहली प्राथमिकता तय किया था। मगर बीते करीब छह महीने जब ऐसे ही निकल गए तो सरकार ने गैरविवादित भूमि पर संवैधानिक पीठ के निर्णय की दिशा में एक पहल की है।
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार का कदम असंवैधानिक नहीं है। हम गैरविवादित भूमि राम जन्मभूमि न्यास सहित अन्य पक्षों को लौटाना चाहते हैं। जिनकी जमीन है वही फैसला करेंगे कि इसका क्या करना है। मंत्री ने कहा कि भाजपा हमेशा से वहां राम मंदिर बनाने के पक्ष में है। यह हमारा घोषित स्टैंड है। इसके लिए कानून द्वारा जो भी रास्ता निकलने की गुुंजइश होगी, उस दिशा में भाजपा प्रयास करेगी। सरकार चाहती कि इस मामले में महज 0.313 एकड़ विवादित भूमि पर ही यथास्थिति बनी रहे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुकुल फैसले की उम्मीद जताई और कहा कि अगर ऐसा हुआ तो राम मंदिर निर्माण के दूसरे रास्ते भी तैयार होंगे।
कांग्रेस को राम को ही नहीं मानती
जावड़ेकर ने इस दौरान कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने रामसेतु पर कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के हलफनामे की याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस तो राम को ही नहीं मानती। सुप्रीम कोर्ट में भी पार्टी के वकीलों ने त्वरित सुनवाई की राह में लगातार रोड़े अटकाए हैं।
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