स्पीकर ने मुलायम से फैसला करा कर घोषित किया भोजनावकाश

नई दिल्ली, 04 फरवरी (आरएनएस)। लोकसभा में मंगलवार को उस समय अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब विपक्ष ने न सिर्फ भोजनावकाश घोषित करने का विरोध किया, बल्कि इस पर वोटिंग तक की मांग कर डाली। विपक्ष के भोजनावकाश के तीखे विरोध के बाद स्पीकर ने सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर फैसला छोड़ा। यादव के भोजन जरूरी है का तर्क देने पर स्पीकर ने भोजनावकाश घोषित कर दिया।
दरअसल लोकसभा की कार्यवाही के शुरु होते ही कई विपक्षी दल भाजपा सांसद अनंत हेगड़े की महात्मा गांधी के खिलाफ टिप्पणी को ले कर आक्रामक भूमिका मेंं थे। इस कारण एक बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो एक बार कांग्रेस समेत कई दलों ने वाकआउट भी किया। इसके बाद जब भोजनावकाश की बारी आई तो विपक्ष इससे पहले इस विवाद का हल निकालने की मांग करने लगा। स्पीकर चाहते थे कि आमतौर पर एक बजे की तरह मंगलवार को भी भोजनावकाश घोषित हो जाए, मगर विपक्ष विवाद का हल निकाले बिना भोजनावकाश घोषित करने के खिलाफ अड़ गया।
स्थिति तब अजीब हो गई जब एआईएमआईएम केअसादुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में मत विभाजन की मांग रख दी। स्पीकर ने इस मांग को ठुकराते हुए कहा कि सदन में मुलायम सबसे वरिष्ठï हैं। अब वही तय करेंगे कि भोजनावकाश घोषित हो या नहीं। इसकेबाद स्पीकर ने मुलायम से पूछा कि आप बताएं भोजन जरूरी है या नहीं। इस पर मुलायम ने खड़ा हो कर कहा कि भोजन बहुत जरूरी है। फिर स्पीकर ने एक घंटे का भोजनावकाश घोषित कर दिया।
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