बच्चों के लिए एनएसएस, एनसीसी जैसी स्वैच्छिक सेवाएं अनिवार्य हों: उपराष्ट्रपति
नईदिल्ली ,28 जनवरी (आरएनएस)। उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि स्कूल के दिनों से ही बच्चों के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) जैसी स्वैच्छिक सेवाओं को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण छात्रों में एकता, सहानुभूति और दया की भावना विकसित करने में मददगार हैं। इससे छात्र वंचित लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनते हैं।
गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले चुके एनएसएस के स्वयंसेवियों से आज नई दिल्ली में बातचीत करते हुए नायडु ने कम उम्र से ही सामुदायिक सेवा का काम हाथ में लेने के लिए उनके उत्साह और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए आप सभी महात्मा गांधी के आदर्शों को साकार कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था-‘Óदूसरों की सेवा में खुद को खो देना, अपने आपको तलाशने का सबसे अच्छा उपाय हैÓÓ।
दु:खी लोगों की सेवा को सच्ची देशभक्ति बताते हुए उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि वे कम उम्र से ही सामाजिक सेवा की आदत डालें। उन्होंने युवा पीढ़ी से अपेक्षा करते हुए कहा कि वे सुंदर भविष्य के लिए प्रकृति से प्यार करें और उसके साथ जीएं।
नायडू ने स्वच्छ भारत जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत सामग्री इक_ा करके लोगों की सेवा करने के लिए एनएसएस स्वयंसेवियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे क्रियाकलाप ‘शेयर एंड केयरÓ के भारत के मुख्य दर्शन को सशक्त बनाते हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि निर्णय प्रक्रिया और विकास प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना, देश को आगे बढ़ाने के लिए अनिवार्य है। उन्होंने स्वयंसेवियों से कहा कि वे देश को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकीय नवाचार के दूत बनें।
नायडू ने उन्हें बैडमिंटन कोट सहित अपने आवास के आसपास का हिस्सा भी दिखाया और युवाओं के लिए शारीरिक सक्रियता पर जोर देते हुए रहन-सहन से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वस्थ आहार से जुड़ी आदतों को अपनाने पर भी जोर दिया।
देश के विभिन्न हिस्सों से आए 200 से अधिक राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने उपराष्ट्रपति से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात एनएसएस के एक माह के गणतंत्र दिवस परेड शिविर का हिस्सा है, जहां उन्हें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के अलावा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने का अवसर मिलता है। (साभार-पीआईबी)
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