आधार से होगी लावारिस लाश की पहचान
नई दिल्ली ,21 जनवरी (आरएनएस)। देश भर में लावारिस लाशों की पहचान में आधार कार्ड मददगार साबित हो सकता है। फरेंसिक एक्सपर्ट की राय है कि लावारिस लाशों की पहचान के अब तक जितने तरीके हैं वे फेल हैं और 72 घंटे में पहचान अमूमन नहीं ही हो पाती है। उनका मानना है कि 99 प्रतिशत लावारिस लाशों की पहचान नहीं हो पाती। डॉक्टरों के मुताबिक आधार के बायोमीट्रिक सिस्टम से लावारिस लाश की पहचान एक मिनट में हो सकती है। इसके लिए लंबा इंतजार करने की भी जरूरत नहीं होगी।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और नैशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन के फरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर अरविंद कुमार का रिव्यू आर्टिकल हाल ही में इंटरनैशनल जर्नल ऑफ फरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजिकल साइंस में पब्लिश किया गया है। डॉक्टर अरविंद ने लावारिस लाशों का दर्द अपनी कविता के जरिए दर्शाने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा है-कोल्ड रूम में भी शरीर गर्म और सूख रहा है, 72 घंटे बाद ये भी खत्म होने वाला है, केवल एक उम्मीद भर के लिए हड्डी का टुकड़ा रख लिया जाएगा।