छेर छेरा पुन्नी पर बच्चों की टोली घर-घर पहुंची

रायपुर, 21 जनवरी (आरएनएस)। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी पौष पूर्णिमा के अवसर पर आज शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की टोली सुबह से ही छेर छेरा पुन्नी का दान लेने के लिए टोली बनाकर घर-घर पहुंची। मिली जानकारी के अनुसार हमारे ग्रामीण क्षेत्र के संवाददाताओं ने बताया कि उक्त पर्व अन्नदान की परंपरा से जुड़ा हुआ है। प्रदेश में नये धान की आवक के साथ ही पुन्नी आने पर ग्रामीण क्षेत्रों में कोठी के धान से दान देने की परंपरा रही है। उपरोक्त परंपरा के निर्वहन के लिए बच्चों की टोली छेरी के छेरा माई कोठी के धान ल हेर हेरा की आवाज देते हुए घर-घर पहुंचकर अन्नदान की इस महत्वपूर्ण परंपरा के तहत दान लेने पहुंची। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव द्वारा पार्वती के घर जाकर भिक्षा मांगने के प्रतीक के रूप में पौष माह की पूर्णिमा तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। दाने लेने के लिए पहुंचे लोगों को गृहणियों ने निस्वार्थ भाव से धान, चांवल आदि का दान किया। नगर व अंचल में छोटे-छोटे बच्चों के साथ बुजुर्ग भी छेरी के छेरा, कोठी के धान ला हेरी के हेराÓ गाते हुए उत्सुकता के साथ कांवर, थैला लेकर छेरछेरा मांगने घर-घर पहुंचे।

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