राष्ट्रीय बाल पुरस्कारों के लिए केंद्र ने अपनी चयन प्रक्रिया अपनाई

नई दिल्ली ,20 जनवरी (आरएनएस)। सरकार ने वीरता पुरस्कारों का आयोजन करने वाले एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से खुद को अलग करते हुए राष्ट्रीय बाल पुरस्कारों के लिए अपनी चयन प्रक्रिया अपनाई है। यह एनजीओ 1957 से इन पुरस्कारों के साथ जुड़ा हुआ था।
सूत्रों ने यह जानकारी दी। अतीत में, इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (आईसीसीडब्ल्यू) नाम का एनजीओ वीरता पुरस्कारों का आयोजन करता था, लेकिन हाल में एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने संगठन की वित्तीय ईमानदारी पर सवाल उठाए थे। इसके मुद्देनजर, सरकार ने एनजीओ से खुद को अलग कर लिया। सरकार ने पिछले साल वीरता पुरस्कारों का रूप बदलकर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार कर दिया। इसके अलावा इसमें अतिरिक्त घटक के तौर पर वीरता को शामिल किया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने बाल पुरस्कारों के लिए खुद की चयन प्रक्रिया शुरू की थी और पिछले साल अगस्त में इसका विज्ञापन दिया था। पुरस्कार पूरी तरह से तैयार है। आईसीसीडब्ल्यू ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कर रहा है। आईसीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने पीटीआई-भाषा से कहा, हमारा संगठन 60 साल पुराना है। हमने पूरी ईनामदारी से अपना काम किया है। यह मेरे लिए दुखद है कि हमारे संगठन के साथ ऐसा हो रहा है। यह संगठन 1957 से वीरता पुरस्कारों का प्रबंधन देख रहा था और अब तक 900 से ज्यादा बच्चों को पुरस्कार दिया जा चुका है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि उसने आईसीसीडब्ल्यू के खिलाफ कोष के गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिशु सदन योजना और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों से संबंधित कोष के संबंध में आईसीसीडब्ल्यू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया था कि आईसीसीडब्ल्यू के बही-खातों की जांच में पता चला कि इसने 2015 -16 में 5,44,002 रुपये और 2014 – 2015 में 83,99,852 रुपये नहीं लौटाए जो खर्च नहीं हो सके थे। इस बीच, मंत्रालय ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार को नया रूप देते हुए इसमें बहादुरी को एक श्रेणी के तौर पर शामिल किया। यह पुरस्कार अब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2019 के तौर जाना जाता है। इस साल इस पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों में नवोन्मेष (छह पुरस्कार), स्कूली (तीन पुरस्कार), समाज सेवा (तीन पुरस्कार) कला एवं संस्कृति (पांच पुरस्कार), खेल (छह पुरस्कार) और वीरता (तीन पुरस्कार) शामिल हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते राष्ट्रीय चयन समिति की बैठक हुई थी, जिसमें 26 बच्चों को पुरस्कारों के लिए चयनित किया गया। ये बच्चे गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा होते हैं। इन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पुरस्कार देंगे।
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