सुप्रीम कोर्ट के दोनों महिलाओं को 24 घंटे मिले सुरक्षा
नई दिल्ली ,18 जनवरी (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस को शुक्रवार को आदेश दिया कि सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं को चौबीस घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की एक पीठ ने कहा कि वह केवल दो महिलाओं की सुरक्षा के पहलू पर विचार करेगी और किसी अन्य अनुरोध की सुनवाई नहीं करेगी। पीठ ने इस मामले को सबरीमला मामले की लंबित याचिकाओं से साथ जोडऩे से भी इनकार कर दिया। गौरतलब है कि कनकदुर्गा और बिंदू ने इस महीने की शुरुआत में पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर में प्रवेश किया था। इससे करीब तीन महीने पहले शीर्ष अदालत ने भगवान अयप्पा के मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
कोर्ट आदेश के बाद 51 महिलाएं सबरीमाला गईं: केरल
केरल सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सितंबर में शीर्ष कोर्ट की तरफ से सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर प्रवेश पर लगी पाबंदी हटाने के आदेश के बाद से लेकर अब तक सबरीमाला मंदिर में 51 महिलाएं प्रवेश कर चुकी हैं। ऐसा पहली बार है जब केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर महिलाओं की संख्या बताई है। राज्य सरकार का यह बयान मंदिर में प्रवेश करनेवाली दो महिलाएं बिन्दु अमिनी और कनक दुर्गा की तरफ से लगाई गई याचिका के बाद आया है। मंदिर में प्रवेश के बाद करीब दो हफ्ते तक लोगों से छिपने के बाद उन्होंने कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई। कनकदुर्गा की घर वापसी के बाद कथित तौर पर उसके सास ने हमला किया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
केरल सरकार ने उस याचिका पर बयान देते हुए कोर्ट से कहा कि शीर्ष कोर्ट के आदेश के बाद से अब तक 51 महिला श्रद्धालु अब तक मंदिर में प्रवेश कर चुकी हैं। हालांकि, कोर्ट ने इस पर अभी किसी तरह की टिप्पणी से इनकार किया है। बेंच की अगुवाई के रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने केरल सरकार के वकील से कहा कि हमें ऐसा लगता है कि कोर्ट को किसी अन्य मामले पर टिप्पणी करना अनिवार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे थी। जिसके बाद भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। कई महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिशें की लेकिन उन्हें या तो बेस कैम्प के पास रोक दिया गया या फिर मंदिर द्वार के पास रोक दिया गया।
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