चुनाव की अहम तैयारियों के बीच ही बीमार हुई भाजपा
नई दिल्ली ,17 जनवरी (आरएनएस)। आम चुनाव से ठीक पहले अध्यक्ष अमित शाह समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं की अस्वस्थता पार्टी की चुनाव तैयारियों पर असर डाल रही है। पार्टी के लिए मुश्किल यह है कि अस्वस्थ नेताओं में पार्टी अध्यक्ष शाह ही नहीं वो वरिष्ठï नेता भी शामिल हैं, जिन्हें आम चुनाव में पार्टी की रणनीति तैयार करनी है। नेताओं की अस्वस्थता के कारण चुनाव की तैयारी के लिए गठित अहम कमेटियों का काम अधूरा पड़ा है। गौरतलब है कि इस समय शाह के अलावा प्रचार समिति, मीडिया कमेटी और संस्थाओं से संपर्क करने के लिए बनी कमेटी के मुखिया क्रमश: वित्त मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और नितिन गडकरी अस्वस्थ हैं।
पार्टी के लिए मुश्किल यह है कि अध्यक्ष शाह को अगर एम्स से छुट्टïी भी मिली तो उन्हें कम से कम दो हफ्ते एकांत में बिताना होगा। इलाज के लिए अमेरिका गए जेटली को कम से कम स्वदेश लौटने में दो हफ्ते लगने की बात कही जा रही है तो कयास यहां तक हैं कि वह एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश नहीं करेंगे। जबकि केंद्रीय मंत्री प्रसाद को एक हफ्ते बेड रेस्ट पर रहना होगा तो शुगर लेबल बढऩे के कारण मुंबई में मंच पर बेहोश हुए गडकरी भी बहुत ज्यादा स्वस्थ नहीं हैं।
दरअसल सबसे महत्वपूर्ण प्रचार समिति के मुखिया अरुण जेटली केअचानक अमेरिका जाने से इस समिति के कामकाज पर असर पड़ा है। पहली दो बैठकों में पार्टी का चुनावी थीम और मुख्य नारा तय करने में पार्टी में अंतिम राय नहीं बन पाई थी। इसी बीच जेटली की अनुपस्थिति के बाद बीते बुधवार को होने वाली कमेटी की बैठक को अध्यक्ष शाह की अस्वस्थता के कारण टाल दिया गया। पार्टी सूत्रों के अनुसार इसी महीने गठित 17 कमेटियों को आम चुनाव के लिए रोडमैप तैयार कर लेना था। मगर तीन सबसे प्रमुख संपर्क, प्रचार और मीडिया समितियों का काम अधूरा पड़ा है।
राजग का दलित चेहरा पासवान पहले से अस्वस्थ
स्वास्थ्य संबंधी कारणों से पार्टी की प्रखर वक्ता सुषमा स्वराज ने पहले ही सार्वजनिक रूप से चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा की है। दूसरी ओर राजग का दलित चेहरा रामविलास पासवान स्वास्थ्य संबंधी कारणों से पहले ही राज्यसभा की राह चुनने का मन बना चुकेहैं। उनके करीबियों का कहना है कि अगले आमचुनाव में पासवान की भूमिका मुख्यत: अपने पुत्र चिराग पासवान के संसदीय क्षेत्र तक सीमित होगी। गौरतलब है कि चिराग अपने पिता की परंपरागत सीट हाजीपुर से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
शाह की अस्वस्थता ने बढ़ाई सर्वाधिक बेचैनी
पार्टी अध्यक्ष के स्वाइन फ्लू होने से पार्टी में सबसे अधिक बेचैनी है। दरअसल शाह को ही अपने सभी समितियों के कामों पर अंतिम मुहर लगानी थी। इसके अलावा उन्हें रैलियों की इजाजत न मिलने पर पश्चिम बंगाल में रैलियों के जरिए चुनावी बिगुल बजाना था। इसके अलावा इन्हें एक हफ्ते के अंदर दक्षिण भारत खासतौर पर तमिलनाडु सहित कुछ अन्य राज्यों में गठबंधन की गुत्थियां सुलझानी थी तो उत्तर प्रदेश में नाराज सहयोगियों अपना दल और सुहेलदेव पार्टी को मनाना था।
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