स्वच्छ गंगा कोष में दान से जुटाई 269.12 करोड़ की राशि
नई दिल्ली,16 जनवारी (आरएनएस)। नमामि गंगे मिशन के तहत स्थापित स्वच्छ गंगा कोष के लिए एनएमसीजी के साथ अधिकारी एवं हितधारकों ने दान के लिए एकजुट होने का निर्णय लिया। इसी कोष में जुटाई गई धनराशि के तहत 203.91 करोड़ रुपये की लागत वाली कुछ परियोजनाओं को मिशन ने मंजूरी दी है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रानलय के अनुसार यहां राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन मुख्यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्व्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि ‘कुंभ और मकर संक्रांतिÓ के पावन मौके पर नमामि गंगे मिशन के तहत स्थापित क्लीन गंगा फंड से परियोजनाओं का कार्यान्वयन करने की शुरूआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि इंडियन ट्रस्ट एक्ट के तहत ट्रस्ट के रूप में स्थापित इस कोष में अभी 269.12 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इस कोष के तहत इस धनराशि में से 203.91 करोड़ रुपए की लागत की परियोजनाओं को स्वीकृति की गई है,जिसमें वृक्षारोपण, घाटों और शवदाह गृह का निर्माण के अलावा नालो का बायोरेमेडिएशन तकनीक से इन सिटु ट्रीटमेंट जैसी परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया जाएगा। गौरतलब है कि स्वच्छ गंगा कोष में जमा धनराशि में अब तक लोगों ने व्यक्तिगत तौर पर स्वेच्छा से दिया गया 10.92 करोड़ रुपए दान भी शामिल है। मिश्रा ने कहा कि क्लीन गंगा फंड के लिए अधिक से अधिक लोगों का योगदान देना सबसे महत्वपूर्ण है, उनके इस सहयोग से और भी लोग इस महान उद्देश्य में अपनी भागीदारी देंगे।
कार्यक्रम में मिला 2.66 लाख
मिशन में मंगलवार को आयोजित इस कार्यक्रम में नमामि गंगे मिशन से जुड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड, वैपकॉस, एचडीएफसी बैंक सहित कई कार्यकारी एजेंसियों, हितधारकों और साझेदारों के अधिकारियों ने क्लीन गंगा फंड के लिए दान दिया है। मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम में एनएमसीजी के करीब 80 अधिकारी और सहयोगी संगठनों के 30 लोगों ने क्लीन गंगा फंड के लिए 2,65,879 रुपए दान किया। इस धनराशि को एनएमसीजी कार्यालय में मौजूद दो एसबीआई एटीएम, क्यूआर कोड और चार अलग पेमेंट गेटवे के जरिए जमा कराया गया है। मिशन के महानिदेशक मिश्रा ने सभी सहयोगियों और हितधारकों से अनुरोध किया कि वह अपनी इच्छा से क्लीन गंगा फंड के लिए दान करें और देश की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे मिशन की सफलता के लिए जनभागीदार बने।
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