सीबीआई के अंतरिम निदेशक की नियुक्ति गैरकानूनी: खडगे

नई दिल्ली ,15 जनवरी (आरएनएस)। सीबीआई विवाद के बाद आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने का विवाद अभी थमता नहीं दिख रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने सीबीआई के अंतरिम चीफ एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को गैरकानूनी बताया है। खडग़े ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर सीवीसी की रिपोर्ट, रिटायर्ड जस्टिस ऐके पट्नायक की रिपोर्ट और 10 जनवरी को हुई सिलेक्शन कमिटी की मीटिंग के मिनट सर्वजनिक करने और नए सीबीआई चीफ की नियुक्ति के लिए तुरंत सिलेक्शन कमिटी की मीटिंग की बुलाने की भी मांग की है।
कांग्रेस नेता खडग़े ने पत्र में कहा है कि एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के पद पर नियुक्ति ‘गैरकानूनीÓ है तथा जांच एजेंसी के नए प्रमुख की नियुक्ति के निए चयन समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए। खडग़े का दावा है कि इस मामले में सरकार के कदमों से यही संकेत मिलता है कि वह नहीं चाहती कि सीबीआई एक स्वतंत्र निदेशक के तहत काम करे। दरअसल, गत 10 जनवरी को हुई चयन समिति की बैठक में खडग़े ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने का विरोध किया था। खडग़े ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि सीवीसी की जांच रिपोर्ट, न्यायमूर्ति एके पटनायक की जांच रिपोर्ट और चयन समिति की बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए ताकि जनता इस मामले में खुद निष्कर्ष तक पहुंच सके। उन्होंने प्रधानमंत्री से बिना किसी देरी के नए निदेशक की नियुक्ति के लिए चयन समिति की तत्काल बैठक बुलाने के लिए भी कहा है। खबरों के मुताबिक, न्यायमूर्ति पटनायक ने कहा कि आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कोई साक्ष्य नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने गुरुवार को वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था। इसके अगले दिन शुक्रवार को वर्मा ने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी वर्मा का तबादला महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था। सीबीआई निदेशक के पद पर वर्मा का दो वर्षों का कार्यकाल आगामी 31 जनवरी को पूरा होने वाला था, लेकिन इससे 21 दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी की समिति ने 2-1 के बहुमत से वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का फैसला किया। मोदी और न्यायमूर्ति सीकरी वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाने के पक्ष में थे जबकि खडग़े ने इसका विरोध किया था।
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