भारत को अक्तूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त का लक्ष्य
नई दिल्ली ,09 जनवारी (आरएनएस)। सरकार ने दावा किया है कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत 5.4 लाख से अधिक गांव और 585 जिले खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किए गए हैं और अब तक 27 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने स्वयं को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है।
केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने इस संदर्भ में मीडिया में आयी रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए कहा कि ग्रामीण उत्तर भारत में खुले में शौच में परिवर्तन: 2014-2018 शीर्षक से हाल में किया गया अध्ययन पाठकों को पूरी तरह भ्रमित करता है और जमीनी वास्तविकता को नहीं दिखाता है। मंत्रालय ने दावा किया कि इस रिपोर्ट में बार-बार कहा गया है कि सर्वेक्षण 2018 के अंत में किया गया, लेकिन जानबूझकर निश्चित तिथि नहीं बताई गई है। यह काफी भ्रामक है, क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन काफी अधिक तेजी से बढऩे वाला कार्यक्रम है और पिछले वर्ष मासिक आधार पर स्वच्छता की स्थिति में परिवर्तन आया है। वास्तव में इस सर्वेक्षण में उदयपुर में किए गए एक अध्ययन को शामिल किया है, जो अध्ययन काफी पुराना (अप्रैल-जून, 2017 का) है।मंत्रालय ने जोर दिया कि ग्रामीण भारत में 9 करोड़ से ऊपर शौचालय बनाए गए हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छता कवरेज आज 98 प्रतिशत से अधिक हो गया है जो 2014 में 39 प्रतिशत था। विज्ञप्ति में मंत्रालय ने कहा कि इस प्रगति का सत्यापन स्वतंत्र रूप से व्यापक तीसरे पक्ष के राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण 2017-18 में किया गया है। विश्व बैंक समर्थित यह सर्वेक्षण 6 हजार से अधिक गांवों के 90,000 परिवारों में किया गया। इसमें ग्रामीण शौचालय उपयोग 93.4 प्रतिशत पाया गया। मंत्रालय ने कहा कि दो अन्य स्वतंत्र सर्वेक्षण 2017 में भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा तथा 2016 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा किए गए थे। इन दोनों सर्वेक्षणों में ग्रामीण शौचालयों का उपयोग का प्रतिशत क्रमश: 91 प्रतिशत और 95 प्रतिशत था। स्वच्छ भारत मिशन अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है।
44 फीसदी आज भी कर रहे हैं खुले में शौच
दूसरी ओर सरकार के इस दावे के विपरीत स्वच्छ भारत के तहत देशभर में चलाए जा स्वच्छता का अभियान को लेकर पिछले दिनों आए रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर कम्पेशनेट इकोनॉमिक्स (राइस) और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के शोध ने खुलासा किया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अभी भी 44 फीसदी लोग खुले में शौच कर रहे हैं। वहीं 2014 तक इन राज्यों में करीब 70 फीसदी लोग खुले में जाते थे। पिछले 4 वर्षों में खुले में शौच किए जाने के मामले में 26 फीसदी का सुधार हुआ है। जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार राज्य को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर चुकी है।
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