राम मंदिर विवाद पर 10 जनवरी को 3 जजों की स्पेशल बेंच करेगी सुनवाई
नई दिल्ली ,04 जनवरी (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दायर अपीलों पर अब सुनवाई दस जनवरी को होगी और यह सुनवाई तीन न्यायाधीशों की नई खंड़पीठ करेगी। 6 या 7 जनवरी को इस बेंच में शामिल जजों के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद इस मामले में सुनवाई के लिए कोई विशेष पीठ नहीं थी। सीजेआई ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए एक रेग्युलर बेंच बनेगी, जो 10 जनवरी को इस मामले में आगे के आदेश परित करेगी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वकील हरिनाथ राम की तरफ से दाखिल की गई उस पीआईएल को भी खारिज कर दिया है, जिसमें अयोध्या विवाद की रोजाना सुनवाई की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस कदर भीड़ थी कि पैर रखने की भी जगह नहीं थी। सीजेआई के सामने जब मामला आया तो उन्होंने कुछ ही सेकंड में 10 जनवरी को सुनवाई की बात कही।
अब तीन जजों की बेंच का गठन होगा। चीफ जस्टिस एडमिनिस्ट्रेटिव साइड में बेंच का गठन करते हैं। पहले अयोध्या मामले की सुनवाई तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच कर रही थी, जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायरमेंट के बाद यह मामला मौजूदा चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच के सामने लिस्ट हुआ था। रिटायरमेंट से पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने एक अहम फैसले में कहा था कि मामला जमीन विवाद का है और मामले को संवैधानिक बेंच रेफर करने से मना कर दिया था।
बता दें कि सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल 29 अक्टूबर को कहा था कि यह मामला जनवरी के प्रथम सप्ताह में उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा, जो इसकी सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित करेगी। इसके बाद 12 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिनाथ राम ने एक पीआईएल दाखिल करते हुए सर्वोच्च न्यायालय से मांग की थी कि इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द हो। याचिकाकर्ता ने कहा था कि यह करोड़ों हिंदुओं की मान्यता से जुड़ा मामला है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पिछले कई दशकों से अटका हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जल्दी सुनवाई से इनकार कर दिया था।