अपोलो हॉस्पिटल और स्वास्थ्य सचिव ने इलाज में रची साजिश

चेन्नई ,30 दिसंबर (आरएनएस)। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन की जांच कर रहे पैनल के वकील ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन और अपोलो हॉस्पिटल पर दिवंगत मुख्यमंत्री के इलाज कोताही करने और साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसके अलावा वकील मोहम्मद जफरउल्लाह खान ने पूर्व चीफ सेक्रटरी रामा मोहन राव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर गलत सबूत पेश किए हैं।
वकील ने कार्डियोथोरेसिक सर्जन के बयान की एक लाइन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि अपोलो हॉस्पिटल में जयललिता का ठीक से इलाज नहीं किया गया था। हालांकि, डॉक्टर ने इसपर ऐतराज जताते हुए कहा कि इसे 29 नवंबर को यह गलत तरह से दर्ज किया गया लेकिन पैनल ने उनके विरोध को नजरअंदाज कर दिया। अपोलो ने शनिवार को अपने ब्यौरेवार जवाब में लगाए गए आरोपों पर आपत्ति जताते हुए सभी आरोपों को नकार दिया।
पैनल के वकील मोहम्मद जफरउल्लाह खान ने ये आरोप गुरुवार को रिटायर्ड जस्टिस ए अरुमुगास्वामी आयोग के सामने याचिका दायर करते हुए लगाए हैं। खान ने आयोग से राधाकृष्णन और राव को नोटिस जारी करने का आग्रह करते हुए कहा है कि उन्हें कमिशन ऑफ इन्क्वॉयरी ऐक्ट, 1952 की धारा 5 और 8 बी के तहत जवाब देने के लिए पेश किया जाना चाहिए। फिलहाल, एआईएडीएमके की पूर्व महासचिव और जयललिता की करीबी वीके शशिकला व अपोलो हॉस्पिटल को अरुमुगास्वामी आयोग की ओर से सेक्शन 5 और 8बी के तहत नोटिस भेजा गया है।
याचिका में, खान ने आयोग के सामने राधाकृष्णन के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें जयललिता की गंभीर बीमारियों और अपोलो के इलाज की जानकारी थी फिर भी उन्होंने किसी भी कैबिनेट मंत्री को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी। खान का आरोप है कि स्वास्थ्य सचिव हॉस्पिटल के प्रवक्ता की तरह बर्ताव कर रहे थे।
तत्कालीन चीफ सेक्रटरी राव पर आरोप लगाते हुए अपनी याचिका में खान ने कहा है कि राव ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने सरकार को जयललिता के इलाज के बारे में जानकारी दे दी थी, जबकि मौजूदा चीफ सेक्रटरी का कहना है कि राव की ओर से ऐसा कोई लेटर नहीं मिला था।
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