गणतंत्र दिवस पर बड़े हमले की फिराक में हैं आतंकी अलर्ट जारी

नई दिल्ली ,16 जनवारी (आरएनएस)। आतंकी गणतंत्र दिवस और अफजल गुरु की बरसी पर बड़े हमले की फिराक में हैं। इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। आतंकी संगठन जैश.ए.मोहम्मद एक बार फिर बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश में जुट गया है।
इस साजिश को पूरा करने की जिम्मेदारी जैश सरगना मसूद अजहर के भतीजे हुजैफा और तीन अन्य बड़े कमांडरों अब्दुल रशीद गाजीए मोहम्मद उमर और मोहम्मद इस्माइल को सौंपा गया है। फिल हाल सुरक्षाबलों ने जैश की साजिश को अमलीजामा पहनाने आए उसके कमांडरों को मार गिराने का अभियान छेड़ दिया है। हालांकिए सभी सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस के अधिकारी जैश के नामी कमांडरों की कश्मीर में मौजूदगी और किसी बड़ी वारदात की उनकी तैयारी को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि हुजैफा व अब्दुल रशीद गाजी अक्टूबर 2018 के अंतिम सप्ताह में ही जम्मू.कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं जबकि मोहम्मद इस्माइल और उमर उनके आगमन से कुछ माह पहले से कश्मीर में हैं। गाजीए इस्माइल व उमर तीनों अफगान युद्ध में भाग ले चुके हैं। हुजैफा और गाजी के साथ तीन और आतंकी आए थेए लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पाई है। गाजी की उपस्थिति की कश्मीर में पुष्टि दिसंबर के दौरान हुई थी।
जैश के सैकड़ो विदेशी व स्थानीय आतंकी सक्रिय
सूत्रों ने बताया कि जम्मू या पठानकोट हमलों में जैश के आतंकियों ने सरहद पार करने के चंद घंटों बाद हमले किए थे। जबकि कश्मीर के पुलवामा और अवंतीपोर में अफजल गुरु ब्रिगेड के नाम पर हुए हमलों में जैश ने अपने स्थानीय कैडर का भी विदेशी आतंकियों संग इस्तेमाल किया है। उन्होंने बताया कि करीब छह साल पहले तक जैश.ए.मोहम्मद जो वादी में सिर्फ सात से आठ आतंकियों तक सिमट चुका थाए इस समय उसके करीब 75 विदेशी आतंकियों के अलावा 30 से 40 स्थानीय आतंकी सक्रिय हैं।
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