सफाई के दौरान मिला दूसरे विश्व युद्ध का विशालकाय बम
कोलकाता ,29 दिसंबर (आरएनएस)। कोलकाता के प्रसिद्ध नेताजी सुभाष बंदरगाह में चलाए जा रहे सफाई अभियान के दौरान शुक्रवार को दूसरे विश्वयुद्ध के समय का एक विशालकाय बम मिलने से हड़कंप मच गया। अमेरिकी सेना द्वारा निर्मित यह बम करीब 450 किलो का है। वर्ष 1942 से 1945 के बीच चीन-बर्मा (म्यांमार)-भारत युद्धक्षेत्र में अमेरिकी सेना ने इसी तरह के बमों का प्रयोग किया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके फटने से करीब आधा किलोमीटर के इलाके तक में मौजूद लोगों की जान जा सकती थी। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के कर्मचारियों को पहले लगा कि यह टोरपीडो है। उन्होंने कोलकाता स्थित भारतीय नौसेना के बेस आईएनएस नेताजी सुभाष से संपर्क किया। बाद में बम को निष्क्रिय करने के लिए सेना से भी सहयोग मांगा।
पानी में गिर गया था बम
पश्चिम बंगाल के नौसेना ऑफिसर इन चार्ज कमांडर सुप्रभो के. डे ने बताया, जांच के दौरान हमने पाया कि इस बम का निर्माण अमेरिकी सेना द्वारा किया गया है। दूसरे विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद यह यहीं रह गया। बाद में किसी तरह बम पानी में गिर गया जो अब जाकर मिला। यह पूरी तरह सुरक्षित है। हम इसे निष्क्रिय करने के लिए विशेषज्ञों के संपर्क में हैं।
सुरक्षित रखा जाएगा
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के सुरक्षा सलाहकार गौतम चक्रवर्ती ने बताया, बंदरगाह की सफाई के दौरान जब हमें यह विशाल बम मिला हमने तभी संदेह जताया कि यह दूसरे विश्वयुद्ध का हो सकता है। हमने तुरंत नौसेना और कोलकाता पुलिस को इस बारे में सूचना दी। इसको निष्क्रिय करने के बाद हम इस बम को बंदरगाह में सुरक्षित रखेंगे।
गौरतलब है कि नेताजी सुभाष बंदरगाह पहले किंग जॉर्ज बंदरगाह के नाम से जाना जाता था। 29 दिसंबर, 1918 को लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन किया था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी सेना ने बड़े पैमाने पर इसका उपयोग किया था। जापानी सेना के लिए यह बंदरगाह एक सटीक टॉरगेट था।
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