सुप्रीम के फैसले के बाद भाजपा-कांग्रेस के बीच तेज हुई बयानबाजी
नई दिल्ली ,14 दिसंबर (आरएनएस)। फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान की खरीद मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बयानबाजी तेज हो गई है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें भरोसा था कि इस डील में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। मामला शुरुआत से ही शीशे की तरह साफ था हम हमेशा से कह रहे थे कांग्रेस सिर्फ हम पर झूठे आरोप लगा रही है। इस पर सिर्फ राजनीति की जा रही थी। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने क्लीनचिट मिलने के बाद कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी देश को गुमराह करने के लिये माफी मांगे। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कांग्रेस के रुख की पुष्टि करता है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार पर फैसला शीर्ष अदालत नहीं कर सकती है। भाजपा प्रवक्ता ने फैसले के बाद कहा कि हाल के विधानसभा चुनाव में भी विभिन्न प्रचार सभाओं में कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाने का प्रयास किया। अब जब उच्चतम न्यायालय ने राफेल मामले में क्लीन चिट दे दी है, तब कांग्रेस पार्टी और उसके नेता जवाब दें।
शहनवाज हुसैन ने कहा कि अदालत ने न केवल इस मामले में दायर याचिका को खारिज किया बल्कि पूरी प्रक्रिया को सही पाया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव में भी राफेल मुद्दे पर आरोप लगाकर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया गया। अब इन राज्यों में शपथ लेने से पहले कांग्रेस को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा हो गया है और 132 करोड़ जनता में खुशी की लहर दौड़ गई है।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लड़ाकू विमानों की जरूरत है और देश इन विमानों के बगैर नहीं रह सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि कीमतों के तुलनात्मक विवरण पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है। खरीदी, कीमत और ऑफसेट साझेदार के मामले में हस्तक्षेप के लिए उसके पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है।
राफेल पर कोर्ट का फैसला गलत:प्रशांत भूषण
राफेल पर जहां केंद्र व भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुश हैं, वहीं मुख्य याचिकाकर्ताओं में शामिल वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट के फैसले में नाखुशी जाहिर की हैं। प्रशांत भूषण ने राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि वायुसेना ने कभी ने कहा कि उसे 36 राफेल चाहिए। कोर्ट के फैसले के बावजूद प्रशांत भूषण अपने आरोपों पर अड़े रहे और कहा कि वायुसेना से बिना पूछे मोदी जी ने फ्रांस में जाकर समझौता कर लिया, इसके बाद तय कीमत से ज्यादा पैसा दे दिया। बाद में कोर्ट में कीमतों पर सीलबंद रिपोर्ट दे दी, जिसकी हमें जानकारी भी नहीं है। हालांकि कोर्ट ने न तो ऑफसेट पार्टनर चुनने के मामले को भी गलत नहीं माना है। उन्होंने कहा कि हमारे हिसाब से राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिल्कुल गलत है। कैंपेन बंद नहीं होगी और हम इस बात पर विचार करेंगे कि क्या हमें पुर्निविचार याचिका दायर करनी है या नहीं।श्
इन्होंने ने डाली थीं याचिकाएं
गौरतलब है कि राफेल मसले पर प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 14 नवंबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिका दायर करने वालों में वकील एमएल शर्मा, विनीत ढांडा, प्रशांत भूषण, आप नेता संजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी शामिल हैं।
याचिकाकर्ताओं का आरोप
याचिकाकर्ताओं ने सौदे में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को जांच के लिए एफआइआर दर्ज करने के निर्देश देने की अपील की थी।
फ्रांस से भारत ने खरीदे 36 राफेल
सरकार ने भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए करीब 58,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांस के साथ समझौता किया है। दो इंजन वाले इस लड़ाकू विमान का निर्माण फ्रांस की सरकारी कंपनी दसाल्ट एविशन करती है। केंद्र ने राफेल सौदे का बचाव करते हुए कीमत को सार्वजनिक करने की मांग का विरोध किया था। केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि 2016 के एक्सचेंज रेट के मुताबिक खाली राफेल जेट की कीमत 670 करोड़ रुपये है। लेकिन, पूरी तरह से हथियारों से लैस राफेल विमान की कीमत को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे देश के दुश्मन फायदा उठा सकते हैं।
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