विस चुनाव परिणाम : प्रारंभिक रूझान में डूबती नजर आ रही भाजपा की नैय्या
रायपुर, 11 दिसंबर (आरएनएस)। राज्य में विधानसभा चुनाव के परिणाम अब सामने आने शुरू हो गए हैं। प्रारंभिक रूझानों में जिस तरह से भाजपा का सूपड़ा साफ होता नजर आ रहा है, उसके पीछे भाजपा के स्थानीय नेताओं का अतिआत्मविश्वास को माना जा रहा है। अति आत्मविश्वास से भरे भाजपा नेताओं ने जनता का मूड परखने में संभवत: लापरवाही बरती, इसका का परिणाम है कि प्रारंभिक रूझानों में ही भाजपा के अधिकांश नेता बुरी तरह से पीछे चल रहे हैं।
देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का परिणाम आज सामने आ रहा है। पूरे देश की नजर इस समय छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणाम पर टिकी हुई है। यहां भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है, कुछ सीटों पर जोगी कांग्रेस और बसपा गठबंधन का जोर ज्यादा नजर आ रहा है। आज सुबह जैसे ही प्रथम चरण की गिनती शुरू हुई, प्रारंभिक रूझानों ने भी भाजपा के रणनीतिकारों को चौंका दिया। अप्रत्याशित ढंग से कांग्रेस को मिली बढ़त ने भाजपा नेताओं के होश उड़ा दिया। सुबह 11.30 बजे तक राज्य के कुल 90 विधानसभा सीटों में से 64 सीटों पर कांग्रेस की जोरदार बढ़त ने भाजपा नेताओं के होश फाख्ता कर दिया। जानकारों की माने तो यदि दूसरे राउंड में भी कांग्रेस को इसी तरह से बढ़त बनी रही तो मतों के अंतर कम होने में काफी मुश्किल साबित होगी। जानकारों की माने तो 5 से 10 हजार मतों के अंतर को ज्यादा नहीं माना जा सकता। यह अंतर एक राउंड के गिनती में आसानी से कव्हर हो सकता है। लेकिन मतों का अंतर यदि 40 हजार से ऊपर निकल जाए तो इसे कव्हर करने में कम से कम 3-4 राउंड की गिनती का इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन इन्हीं 3-4 राउंड में यदि मतों का अंतर फिर से 5-10 हजार का आया तो इस अंतर को कम करना अंतिम राउंड की गिनती तक मुश्किल साबित होता है। प्रारंभिक रूझान और गिनती में जिस तरह से कांग्रेस को एकतरफा बढ़त मिली हुई है, मतों के इस अंतर को कम होने में काफी समय लग जाएगा। लेकिन इतने समय में दूसरे दल को भी निर्णायक बढ़त मिलने की पूरी संभावना है। इधर जानकारों की माने तो भाजपा की नैया डूबती नजर आ रही है, इसकी प्रमुख वजह भाजपा के मंत्रियों और नेताओं के अति आत्मविश्वास को माना जा सकता है।