मतगणना स्थल पर वाईफाई वेबकास्टिंग पर लगी रोक
नई दिल्ली,10 दिसंबर (आरएनएस)। कांग्रेस की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने रविवार को निर्णय लिया है कि मतगणना के समय केवल सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी। मतगणना के समय न तो वेबकास्टिंग होगी और न ही वाई फाई नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा। ये निर्णय देर रात लिया गया।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने मांग की थी कि वेबकास्टिंग में जियो की बजाय बीएसएनएल नेटवर्क का उपयोग होना चाहिए। साथ ही कांग्रेस ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि वेबकास्टिंग के काम का ठेका गुजरात की कंपनी संघवी इन्फोटेक को क्यों दिया गया। जानकारी के मुताबिक जब इस कंपनी के कुछ इंजीनियर जब भोपाल और सागर में वेबकास्टिंग के लिए कैमरे इंस्टॉल कर रहे थे, तब कांग्रेसियों ने उनका नाम पूछा था। इनमें से एक ने अपना नाम बताते हुए कहा कि वह गुजरात से है। जिसके बाद कांग्रेस ने हंगामा किया। कांग्रेस का कहना है कि जब भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश का खुद का डोमेन (प्लेटफॉर्म) है तो मतगणना की जानकारी देने का काम किसी निजी कंपनी के हाथों क्यों सौंपा गया। कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने मध्यप्रदेश के निर्वाचन सदन पहुंचकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को आपत्ति दर्ज कराई। पहले तो कांग्रेस की आपत्ति को खारिज कर दिया गया लेकिन बाद में देर रात ये निर्णय लिया गया।
क्या है वेबकास्टिंग
वेबकास्टिंग के तहत एक वीडियो कैमरा मतगणना केंद्र में वहां लगाया जाता है, जहां से सारी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। ये कैमरा सेंट्रलाइज्ड सर्वर से जुड़ा रहता है। इससे मतगणना केंद्र का सीधा प्रसारण भारत निर्वाचन आयोग एवं राज्य निर्वाचन आयोग के अफसर देखते हैं।
8500 उम्मीदवारों की किस्मत का होगा फैसला
कल मंगलवार को पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होंगे। हाल ही में पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद अब सबकी निगाहें इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर टिकी हैं। इन चुनावों में इस्तेमाल की गईं 1 लाख 74 हजार ईवीएम में 8500 से ज्यादा उम्मीदवारों की किस्मत कैद है। ये इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनें इस समय राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के 670 अतिसुरक्षित कक्षों में रखी हैं। इन चुनावों में कुल 1 लाख 74 हजार 724 ईवीएम का इस्तेमाल किया गया। सबसे ज्यादा 65 हजार 367 मशीनें मध्य प्रदेश में इस्तेमाल की गईं। कुल 8 हजार 500 उम्मीदवारों ने इन चुनावों में किस्मत आजमाई है जिसमें सबसे ज्यादा 2907 उम्मीदवार मध्य प्रदेश में हैं।
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