पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़ेंगे

नईदिल्ली,08 दिसंबर (आरएनएस)। ओपेक सदस्यों और 10 अन्य तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल की गिरती कीमत थामने के उद्देश्य से तेल उत्पादन में रोजाना 1.2 मिलियन बैरल कटौती का निर्णय लिया है. इस निर्णय को 2019 के चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए एक नए संकट के संकेत की तरह देखा जा रहा है

ओपेक देशों के बीच हुआ समझौता यूं तो पहली जनवरी से प्रभावी होगा, लेकिन पेट्रोल की कीमतें अभी से बढऩी शुरू हो गई है. ओपेक के इस फैसले के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत में पांच प्रतिशत का भारी उछाल देखा गया.

भारत अपनी जरूरत का ज्यादातर कच्चा तेल आयात करता है. ऐसे में कीमत में इजाफे का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पडऩे की आशंका है, जो मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.

दुनिया भर में तेल उत्पादन का आधा हिस्सा ओपेक और उसके साझेदार देशों से ही आता है. ओपेक की हुई अहम बैठक में यह एकराय बनी कि तेल उत्पादन अधिक होने की वजह से पिछले दो महीने में कीमतें 30त्न से ज्यादा गिरी हैं.

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