पूर्व कोयला सचिव सहित तीन को तीन साल की सजा

नई दिल्ली ,05 दिसंबर (आरएनएस)। दिल्ली की अदालत ने कोयला घोटाले से संबंधित एक मामले में पूर्व कोयला सचिव एससी गुप्ता को तीन साल की सजा सुनाई है। अदालत ने अन्य नौकरशाह एक्रोफ ा और केसी समारिया को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई है।
विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विकास पाटनी और कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरी आनंद मलिक को चार-चार साल जेल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा विकास मेटल्स और पावर लिमिटेड पर एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कोयला घोटाला मामले में दिल्ली की अदालत ने सोमवार को कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में एक निजी कंपनी को कोयला खदान आवंटन में अनियमितताओं के लिये दोषी ठहराए गए पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और पांच अन्य को 5 दिसंबर को सजा सुनाएगी। विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने सजा की अवधि को लेकर दलीलों पर सुनवाई पूरी कर ली। सीबीआई ने पांचों दोषियों को अधिकतम सात साल के कारावास और निजी कंपनी पर भारी जुर्माना लगाने की मांग की थी। गुप्ता और चार अन्य दोषियों के वकील ने सजा में नरमी बरते जाने की मांग की थी। गुप्ता के वकील ने कहा था कि वह 70 साल के हैं और विभिन्न बीमारियों से पीडि़त हैं। उनके परिवार का गुजारा चलाने के लिये उनके पास सिर्फ पेंशन का सहारा है।
गत 30 नवंबर को अदालत ने गुप्ता, निजी फर्म विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के साथ-साथ कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर रहे और अभी भी सेवारत के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) के सी सामरिया को मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पाटनी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी मामले में दोषी ठहराया था। यह मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) कोयला खदानों को वीएमपीएल को देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। सीबीआई ने सितंबर 2012 में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
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