बेड़े में 56 जंगी जहाजों और पनडुब्बियां शामिल करने की तैयारी: लांबा

नई दिल्ली ,03 दिसंबर (आरएनएस)। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने सोमवार को कहा कि नौसेना अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए 56 जंगी जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना बना रही है और एक तीसरा विमानवाहक पोत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने देश को यकीन दिलाया कि नौसेना भारत के समुद्री इलाकों में दिन-रात निगरानी कर रही है।
एडमिरल लांबा ने अपनी सोमवार को सालाना प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नौसेना अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए 56 जंगी जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना बना रही है। यह निर्माणाधीन 32 जंगी जहाजों के अतिरिक्त होंगे। उन्होंने कहा कि तटीय सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों के तहत मछली पकडऩे वाली तकरीबन ढाई लाख नौकाओं पर स्वतरू पहचान करने वाले ट्रांसपोर्डर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। लांबा ने कहा कि तीसरे विमानवाहक पोत को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पांच ऑफशोर गश्ती वाहनों के लिए रिलायंस नेवल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिए गए अनुबंध के बारे में एडमिरल लांबा ने कहा कि हम अनुबंध पर गौर कर रहे हैं। करार के लिए बैंक गारंटी भुना ली गई है। सेशल्स के एजम्पशन द्वीप पर एक अड्डा बनाने के प्रस्ताव की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए सेशल्स की सरकार से बातचीत चल रही है।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि मालदीव में अब भारत के प्रति बेहतर रवैया रखने वाली सरकार बन जाने पर दोनों देश समुद्री सहयोग बढ़ा सकेंगे। भारतीय नौसेना अध्यक्ष सुनील लांबा ने सोमवार को कहा कि नौसेना अदन की खाड़ी में जहाजों को सुरक्षा देने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए समस्या बन चुके समुद्री लुटेरों पर लगाम कसने के लिए कई ऑपरेशन कर चुका है। जिसमें पिछले 10 सालों में जहाजों की होने वाली लूट की 44 कोशिशें नाकाम की गईं। वहीं 120 लुटेरे पकड़े गए।
लांबा ने कहा कि वह भरोसा दिला सकते हैं कि नौसेना भारत के समुद्री इलाके पर दिन-रात निगरानी रखती है। नौसेना अपनी क्षमता बढ़ाने के लिये 56 युद्धक जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना बना रही है। मछली पकडऩे वाली तकरीबन ढाई लाख नौकाओं पर स्वतरू पहचान करने वाले ट्रांसपोटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लांबा ने कहा कि 2008 के बाद अदन की खाड़ी में गश्त करने के लिए नौसेना ने 70 युद्धपोत लगाए गए हैं। जिनसे 3440 से ज्यादा मालवाहक जहाजों को अदन की खाड़ी से उनके गंतव्य स्थल तक सुरक्षित पहुंचाया गया। पिछले 10 सालों में इसके लिए करीब 25 हजार नौसैनिक तैनात किए गए हैं। यमन और सोमालिया के 1000 किलोमीटर के बीच अदन की खाड़ी फैली हुई है। इस खाड़ी में जहाजों को लुटेरों से बचाने के लिए भारत, चीन और 32 देशों की संयुक्त नौसेना निगरानी करती है। अक्तूबर 2017 में नौसेना के जंगी जहाज आईएनएस त्रिशूल ने भारत के कार्गो शिप को लुटेरों के हाथों लुटने से बचाया था। सऊदी अरब जा रहे एक एमवी जग अमर जहाज को अदन की खाड़ी में लुटेरों ने घेर लिया था। जिसके बाद आईएनएस त्रिशूल ने कमांडो ऑपरेशन चलाकर उसे छुड़ाया था।
सुनील लांबा ने अमेरिकी पर्यटक जॉन एलेन चाऊ की अंडमान में हुई हत्या पर कहा, श्मैं इसे तटीय सुरक्षा की विफलता के तौर पर नहीं देखता हूं। वह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक पर्यटक के तौर पर आया था और उसके पास वहां जाने की जरूरी अनुमति थी। इस मामले की जांच अंडमान और निकोबार पुलिस कर रही है।
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