दोषी अधिकारियों के खिलाफ आज हो सकता है सजा का ऐलान

नईदिल्ली ,03 दिसंबर (आरएनएस)। राजधानी के एक न्यायालय द्वारा पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता समेत दो अन्य को यूपीए सरकार के कार्यकाल में पश्चिम बंगाल की कोयला खदान आवंटन से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले दोषी ठहराए जाने के बाद सोमवार को सजा का ऐलान किया जा सकता है.
मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) कोयला ब्लॉकों का वीएमपीएल को किए आवंटन में अनियमितता पाए जाने से जुड़ा है. कोयला घोटाले के इस मामले में सीबीआई के जरिए सितंबर 2012 में एफआईआर दर्ज की गई थी.
गुप्ता, 31 दिसम्बर, 2005 से नवम्बर 2008 तक कोयला सचिव रहे थे. उन्हें दो अन्य ऐसे ही मामलों में भी दोषी ठहराया जा चुका है। जिसमें उन्हें दो और तीन सालों की सजा सुनाई भी जा चुकी है. वे इस समय जमानत पर हंै.
कोयला घोटाले से जुड़े इस मामले में विशेष सीबीआई जज भरत पाराशर ने गुप्ता के साथ ही निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक सेवानिवृत्त नौकरशाह कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी सामरिया को दोषी करार दिया गया है. साथ ही कोर्ट के जरिए कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटानी, उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी दोषी ठहराया गया है.
क्रोफा, उस समय कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर थे और वह मेघालय के मुख्य सचिव के पद से दिसम्बर 2017 में सेवानिवृत्त हो गये थे. उन्हें एक अन्य मामले में पहले ही दोषी करार देकर दो साल की सजा सुनाई जा चुकी है. क्रोफा भी इस समय जमानत पर बाहर चल रहे हैं.
विशेष सीबीआई जज भरत पराशर द्वारा फैसला सुनाये जाने के बाद सभी दोषियों को हिरासत में ले लिया गया. दोषियों की सजा की अवधि पर अदालत में सोमवार को बहस होगी. इस मामले में दोषियों को अधिकतम सात साल कैद की सजा हो सकती है.
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »