जब तक पाक आतंकी घटनाओं को नहीं रोकता तब तक कोई बात नहीं:सुषमा
नई दिल्ली ,28 नवंबर (आरएनएस)। सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण देने की घोषणा पाक ने जोर-शोर से की। पाकिस्तान का यह दांव अब उल्टा पड़ता दिख रहा है क्योंकि भारत ने निमंत्रण ठुकरा दिया है। श्री लंका में राजनीतिक संकट और बांग्लादेश में चुनावों को देखते हुए भी सम्मेलन फिलहाल संभव नहीं लग रहा।
दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) शिखर सम्मेलन के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान ने न्यौता भेजा है, लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाक को दो टूक शब्दों में कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं की जा सकती। इसलिए पीएम मोदी सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने पाक नहीं जाएंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को साफ कर दिया है कि भारत इस साल सार्क सम्मेलन में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर पहल का पाकिस्तान के साथ बातचीत से कोई लेना-देना नहीं है और पाकिस्तान जब भारत में आतंकवादी गतिविधियां बंद कर देगा तभी उससे बातचीत शुरू होगी। भारत इस कॉरिडोर की लंबे समय से मांग करता रहा है, जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक आ जा सकें। स्वराज ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है तो इसका मतलब यह नहीं है कि इस वजह से द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो जाएगी, आतंक और बातचीत एक साथ नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हम इसका जवाब सकारात्मक नहीं दे रहे हैं (सार्क शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान द्वारा निमंत्रण) क्योंकि जैसा कि मैंने कहा था कि जब तक पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियों को रोकता नहीं है, तब तक कोई वार्ता नहीं होगी, इसलिए हम सार्क में भाग नहीं लेंगे। गौरतलब है कि सार्क शिखर सम्मेलन 2016 इस्लामाबाद में होना था लेकिन उसी साल सितंबर में जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर पर आतंकी हमले के बाद भारत ने श्श्मौजूदा परिस्थितियों का हवाला देते हुए सम्मेलन में शामिल होने में अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी। बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान के भी इसमें हिस्सा लेने से इनकार करने बाद इस्लामाबाद सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था। मालदीव और श्रीलंका सार्क के सातवें और आठवें सदस्य हैं।
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