इस साल भिखारियों से मुक्त हो गई पूरी राजधानी
नई दिल्ली ,27 नवंबर (आरएनएस)। आम आदमी पार्टी सरकार के राज में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भिखारियों से आजाद हो गई है। यह दावा दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग का है। उसके मुताबिक पिछले दो सालों से लगातार यहां भिखारियों की संख्या शून्य है।
सरकार की ओर से यह दावा उस वक्त किया गया है जब यहां भीख मांगना अपराध नहीं रहा है। हाई कोर्ट ने इसी साल 8 अगस्त को एक मामले में अपना फैसला सुनाते हुए भीख मांगने को अपराध के दायरे से बाहर करते हुए बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट, 1959 के अंतर्गत दिल्ली में लागू कानून के उन सभी प्रावधानों को रद्द कर दिया था जो ऐसा करने को अपराध और इसके लिए अभियोजन और दंड की प्रक्रिया तय करती है। आप सरकार ने ऐडवोकेट कुश कालरा के जरिए दायर आरटीआई के जवाब में यह दावा किया है।
कालरा ने बताया कि हाई कोर्ट के संबंधित फैसले के मद्देनजर उन्होंने दिल्ली सरकार से पूछा था कि पिछले 10 सालों में कितने भिखारियों को पकड़ा गया और पकड़े गए भिखारियों को कहां पर रखा जाता है। जवाब में यहां 11 बेगर्स होम होने और उनमें से सिर्फ एक के चालू होने की जानकारी दी गई। इस जानकारी से असंतुष्ट होकर कालरा ने दोबारा से आरटीआई लगाई, जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार से यहां भिखारियों की संख्या से जुड़ा पिछले 10 सालों का आंकड़ा देने के लिए कहा।
जवाब में सरकार ने उन्हें अप्रैल 2005 से लेकर अभी तक की जानकारी मुहैया कराई। वित्तीय वर्ष के आधार पर दी गई जानकारी के मुताबिक यहां भिखारियों की संख्या ने कभी भी 300 तक का आंकड़ा पार नहीं किया और यह आंकड़ा भी तब का है, जब दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार थी। अप्रैल 2011 से लेकर मार्च 2015 के बीच भिखारियों की संख्या में और कमी आई और आंकड़ा 50 के आसपास ही सिमट गई। आप सरकार के राज में इनकी संख्या में तो इतनी तेजी से गिरावट आई कि साल 2018 के आते-आते भिखारियों से मुक्त हो गई और यह स्थिति साल 2018 के खत्म होते-होते भी बरकरार है।
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