सुको में जजों को सुनवाई से अलग करने वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली ,12 नवंबर (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर के कुछ पुलिसकर्मियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों को इससे अलग होने का अनुरोध किया गया था। इन फर्जी मुठभेड़ मामलों की जांच सीबीआई का विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है।
खबर के मुताबिक न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि एसआईटी और इन मामलों में की जा रही जांच पर इन पुलिसकर्मियों के संदेह करने का कोई कारण नहीं है। पीठ ने यह भी कहा कि न्यायपालिका और सीबीआई की सांस्थानिक पवित्रता को अवश्य कायम रखा जाना चाहिये। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों को इससे अलग होने का अनुरोध करते हुये दायर याचिका में दावा किया था कि पीठ ने विशेष जांच दल के आरोप पत्र में शामिल कुछ आरोपियों को पहले अपनी टिप्पणी में हत्यारा बता दिया है।
केंद्र ने किया था पुलिसकर्मियों की याचिका का समर्थन
केन्द्र ने 28 सितंबर को मणिपुर पुलिसकर्मियों की याचिका का समर्थन किया था और उच्चतम न्यायालय की कथित टिप्पणी को लेकर सवाल उठाया था। केन्द्र ने कहा था कि यह उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अभियान में लगे सशस्त्र बलों और सुरक्षाकर्मियों के मनोबल को श्पूरी तरह से हिला कर रख देने वाला है। हालांकि याचिकाकर्ताओ ने सरकार की दलीलों को चुनौती दी और कहा कि यह अदालत को श्आतंकित करने का प्रयास है जिसे इस मामले में नहीं सुना जाना चाहिए।
14 जुलाई को हुआ था एसआईटी का गठन
मणिपुर में कथित तौर पर न्यायेत्तर हत्याओं के 1,528 मामलों की जांच के लिए एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पिछले साल 14 जुलाई को एक एसआईटी का गठन किया था और इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने का आदेश दिया था।पीठ ने कहा था कि 30 जुलाई को सुनवाई के दौरान पीठ की मौखिक टिप्पणी किसी व्यक्ति के खिलाफ श्रूपांकित और निर्देशित नहीं है क्योंकि यह सीबीआई निदेशक के साथ अदालत में सवाल जवाब के दौरान की गयी थी।
न्यायमूर्ति ललित ने 30 जुलाई को कहा था कि उन्होंने मामले में यथास्थिति के बारे में उस समय अदालत में मौजूद सीबीआई के निदेशक से पूछा था। उस समय अदालत को बताया गया था कि सीआईटी ने हत्या के कथित अपराधों, आपराधिक षडयंत्र और सबूत नष्ट करने को लेकर 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »