प्रयागराज कुंभ से पहले दिल्ली में साधु-संतों ने भरी हुंकार

0-राम मंदिर निर्माण की मांग हुई तेज
नई दिल्ली ,03 नवंबर (आरएनएस)। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा गरमाने लगा है। अखिल भारतीय संत समिति भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बना रही है। इसी के तहत शनिवार को देश भर से 3 हजार साधु-संत दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में जमा हुए है। यहां विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार, प्रयागराज में होने वाले कुंभ से पहले दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। यह बैठक दो दिन चलेगी, जिसमें देशभर के 125 संप्रदायों के संतों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इस महासम्मेलन के दौरान राम मंदिर के मुद्दे पर किसी बड़े आंदोलन का ऐलान किया जा सकता है। संत समिति की यह बैठक आरएसएस के उस बयान के एक दिन बाद हो रही है, जिसमें कहा गया था कि जरूरत पडऩे पर 1992 जैसा आंदोलन किया जा सकता है।
इस महासम्मेलन में 127 हिंदू संगठनों के संत, शंकराचार्य और उच्च हिंदू संगठनों के साधु हिस्सा लेंगे, जिसमें साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हैं। 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के दौरान वह अपने विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में रही थीं। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संत देश के अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि अर्बन नक्सल में देश विरोधी ताकतें शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज उन्माद फैला रहे हैं। अयोध्या के मामले में फैसला लेने को लेकर वो कहते हैं कि उनके पास समय नहीं है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर की सुनवाई जनवरी का टाल देने के बाद से साधु-संतों में नाराजगी है। उनकी मांग है कि राम मंदिर के लिए सरकार से अध्यादेश लेकर आए। साधु-संतों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर दिसंबर में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं शुरू होता है, तो देश भर के साधु-संत 6 दिसंबर को अयोध्या में जुटेंगे और कारसेवा करेंगे।
दिसंबर में शुरू हो जाएगा राम मंदिर निर्माण: रामदास वेदांती
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है। शनिवार को राज जन्मभूमि न्यास के प्रसिडेंट राम विलास वेदांती ने कहा कि अयोध्या राम का निर्माण दिसंबर में शुरू हो जाएगा। वेदांती ने आगे कहा कि राम मंदिर का निर्माण बिना किसी अध्यादेश के आपसी सहमति से अयोध्या में किया जाएगा जबकि मस्जिद लखनऊ में बनाई जाएगी। उधर, योग गुरू रामदेव ने कहा कि यदि न्यायालय के निर्णय में देर हुई तो संसद में जरूर इसका बिल आएगा। आना ही चाहिए। राम जन्मभूमि पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा? रामभक्तों ने संकल्प किया अब राम मंदिर में और देर नहीं, मुझे लगता है इसी वर्ष शुभ समाचार देश को मिलेगा।
अयोध्या में लग सकती है भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ति
उधर, ऐसी खबर है कि अब दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भगवान श्रीराम की अयोध्या में स्थापित की जाएगी। यह सरदार वल्लभभाई पटेल की गुजरात में लगी मूर्ति से भी ऊंची होगी। दिवाली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति पैडस्टल सहित 182 मीटर की है। यह अभी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इस पर 2,989 करोड़ रुपये खर्च हुए। अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति का भी रिकार्ड तोड़ेगी। भगवान श्रीराम की मूर्ति की स्थापना का प्रस्ताव एक बैठक में रखा जा चुका है। हालांकि इसके शिलान्यास का अभी कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, लेकिन इसको लगाने की घोषणा मुख्यमंत्री कर सकते हैं। इस मूर्ति पर और ज्यादा खर्च आने की संभावना है। भगवान श्रीराम की इस मूर्ति की कुल ऊंचाई पैडस्टल सहित 201 मीटर की होगी। इसमें 151 मीटर की मूर्ति होगी और 50 मीटर का पैडस्टल होगा। आरएसएस ने इस मामले पर आंदोलन करने का इशारा दे दिया है।
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