दिल्ली सरकार ने रद्द किए 40 लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन

नई दिल्ली ,02 नवंबर (आरएनएस)। दिल्ली सरकार ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में पंजीकृत 1.10 करोड़ वाहनों में से 40 लाख 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण खत्म कर दिया है। दिल्ली सरकार ने यह जानकारी न्यायालय से साझा की, हालांकि शीर्ष अदालत ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि दिल्ली में इतने अधिक पुराने वाहनों के परिचालन पर पाबंदी लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण और शीर्ष अदालत के 2015 के आदेशों पर अभी तक अमल नहीं किया गया है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एम एम शांतागौडार और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी सूचित किया कि प्रदूषण के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिये फेसबुक और ट्विटर पर सोशल मीडिया अकाउंट खोल दिए गए हैं। पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर ये अकाउंट खोले जाने का समुचित प्रचार किया जाए और इसके लिये विज्ञापन दिए जाएं, ताकि जनता को इसकी जानकारी मिल सके और वह अपनी शिकायतें दर्ज करा सके। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील से शीर्ष अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा सात अप्रैल, 2015 को अपने आदेश में दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल पुराने डीजल वाहनों के परिचालन पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए थे। यही नहीं, ऐसे वाहनों के परिचालन पर पाबंदी लगाने के अधिकरण के निर्देशों के खिलाफ दायर याचिका शीर्ष अदालत ने मई, 2015 में खारिज कर दी थी। पीठ ने कहा, ष्साढ़े तीन साल बीत गए, लेकिन ऐसा लगता है कि अधिकरण के आदेश और इस न्यायालय द्वारा उनकी पुष्टि के बाद भी उन पर अभी अमल नहीं हो रहा है। दिल्ली सरकार के वकील से कहा गया है कि वह अपने मुवक्किल को तत्परता से कार्रवाई करने की सलाह दें।
दिल्ली सरकार ने क्या कहा?
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता वसीम कादरी ने पीठ से कहा कि इस तरह के वाहनों को दिल्ली की सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं दी जायेगी। केंद्र और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने पीठ को बताया कि न्यायालय के 29 अक्टूबर के आदेश के अनुरूप प्रदूषण के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिए ट्विटर और फेसबुक पर नागरिकों की सुविधा के लिये अकाउंट खोल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार तक इन अकाउंट पर 18 शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अपनी वेबसाइट का लिंक भी दिया है, जहां दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों की सूची देखी जा सकती है। इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रही वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि 2016 से ही ‘समीरÓ ऐप है, लेकिन यदि कोई प्रदूषण के बारे में इस पर शिकायत दर्ज करना चाहे तो यह काम नहीं करता है। पीठ दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण संबंधी एक मामले में सुनवाई कर रही थी।
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