दीपावली में पटाखा फोड़ने की समय-सीमा का गंभीरता से होगा पालन
रायपुर, 26 अक्टूबर (आरएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के आवास एवं पर्यावरण विभाग तथा छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। दीपावली, क्रिसमस और नये साल के मौके पर पटाखे फोड़ने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय निर्धारित किया गया है, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी उसका गंभीरता से पालन करवाया जाएगा। इसके लिए आज यहां आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन करवाने के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर दिया गया है।
बैठक में अदालत के निर्णय पर अमल सुनिश्चित करवाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के अलग-अलग संयुक्त निगरानी दल गठित करने का भी निर्णय लिया गया और संबंधित विभागों की जिम्मेदारियां भी तय की गई। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि एक नवम्बर और सात नवम्बर को ध्वनि प्रदूषण मापने का कार्य पुलिस के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा किया जाए। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा राजधानी रायपुर सहित राज्य के बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा और भिलाई नगर जैसे प्रमुख शहरों में दीपावली के सात दिन पहले और उसके सात दिन बाद वायु प्रदूषण और पर्यावरण की स्थिति की मॉनिटरिंग की जाएगी, जिसमें निर्धारित मानकों के अलावा वातावरण में एल्युमिनियम, बेरियम और लौह तत्वों की मात्रा का भी आंकलन किया जाएगा। बैठक में पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित करते हुए दीपावली और अन्य पर्वों के दौरान पटाखे फोड़ने के लिए रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक का समय निर्धारित किया है। सर्वोच्च अदालत ने क्रिसमस तथा नये कैलेण्डर वर्ष के आगमन पर रात्रि 11.55 से 12.30 बजे पटाखा चलाने की अनुमति दी है। बैठक में कहा गया कि दीपावली के समय रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक संबंधित इलाकों के थाना प्रभारी अपने-अपने इलाकों में पेट्रोलिंग करते हुए इस पर निगाह रखेंगे। रात्रि 10 बजे के बाद पटाखा फोड़ने वालों पर राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ नगर निगम, स्थानीय निकाय और उस क्षेत्र के थाना प्रभारी के संयुक्त निगरानी दल द्वारा कार्रवाई की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में सिर्फ कम उत्सर्जन वाले अनुमोदित तथा हरित पटाखों के निर्माण और विक्रय की अनुमति दी है। निगरानी दल यह सुनिश्चित करेंगे कि इसके अलावा अन्य पटाखों का उत्पादन और विक्रय न होने पाए। इसके लिए संयुक्त निगरानी दल के अधिकारी केन्द्र सरकार के विस्फोटक नियंत्रक के साथ विभिन्न पटाखों के बड़े वितरकों के यहां आकस्मिक निरीक्षण भी करेंगे। सीरीज वाले पटाखों और लड़ियों को जब्त किया जाएगा। विस्फोटक नियंत्रक तथा स्थानीय शहरी निकाय द्वारा पटाखों के ऐसे निर्माताओं के लायसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी, जिनके पटाखों में लिथियम, आर्सेनिक, एण्टीमनी लैड और मर्करी का इस्तेमाल किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा आज की बैठक में प्रदेश के शहरों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए लागू अपनी कार्य योजना की भी समीक्षा की गई।