राज्य के माडा क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को भी मिलेगा प्रतिमाह दो किलो देशी चना
रायपुर, 03 अक्टूबर (आरएनएस)। राज्य के 09 माडा क्षेत्रों के 1080 गांवों में निवासरत समस्त अंत्योदय और प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारकों को भी अब प्रति माह 2 किलो देशी चना 5 रूपए प्रतिकिलो की दर से दिया जाएगा। यह निर्णय आज मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।
कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार अब राज्य के माडा क्षेत्रों में रहने वाले अंत्योदय और प्राथमिकता वाले राशनकार्डधारकों को भी छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के तहत हर महीने प्रति राशन कार्ड 02 किलो देशी चना 05 रूपए प्रति किलो की दर से दिया जाएगा। इससे लगभग 01 लाख 27 हजार 114 राशन कार्ड धारक परिवारों को लाभ मिलेगा।
ज्ञात हो कि माडा क्षेत्र 10 हजार या उससे ज्यादा आबादी वाले एक से ज्यादा राजस्व गांवों के ऐसे क्षेत्र को कहा जाता है, जहां 50 प्रतिशत या उससे अधिक जनसंख्या आदिवासियों की होती है। छत्तीसगढ़ के 07 जिलों में 09 माडा क्षेत्र हैं। इनमें से रायगढ़ जिले में 02 माडा क्षेत्रों गोपालपुर और सारंगढ़ में क्रमश: 33 और 100 गांव शामिल हैं। राजनांदगांव जिले के नचनिया माडा क्षेत्र में 77ए बलोदाबाजार जिले के माडा क्षेत्र बलौदाबाजार में 147, जांजगीर-चांपा जिले के रूजगा माडा क्षेत्र में 46, कबीरधाम जिले के कवर्धा माडा क्षेत्र 219, महासमुंद जिले के माडा क्षेत्र महासमुंद-1 में 200 और महासमुंद-2 में 215 तथा धमतरी जिले के गंगरेल माडा क्षेत्र में 43 गांव शामिल हैं। इन सभी माडा क्षेत्र के गांवों में अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले राशनकार्ड धारकों की संख्या एक लाख 27 हजार 114 है। अनुसूचित जनजाति बहुल इन माडा क्षेत्रों में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा और कमार समुदायों के लोग भी निवास करते हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम 2018 को प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके अन्तर्गत चिकित्सा महाविद्यालयों और दंत चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए शिक्षकों की नियमित नियुक्ति के अधिकार स्वशासी समिति की कार्यकारिणी समिति को होंगे और नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से होंगी, जिनके वेतन भत्तों के भुगतान की व्यवस्था स्वंय के राजस्व से करने के लिए महाविद्यालय समर्थ रहेगा। यह भी प्रावधान किया गया है कि चयनित शिक्षक अपने-अपने कॉलेजों में ही कार्य करेंगे और उनकी सेवाएं अस्थानांतणीय होंगी। इन नियमों के तहत अधिष्ठाता, प्राचार्य और अस्पताल अधीक्षक जैसे प्रशासनिक पदों पर भर्ती नहीं की जाएगी। पूर्व से कार्यरत एवं लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित नियमित शिक्षकों की सेवा शर्तें पूर्ववत रहेंगी। पशुधन विकास विभाग के अन्तर्गत पंजीकृत और संचालित गौशालाओं को भी सौर-सुजला योजना के तहत सोलर पम्प दिए जाएंगे, ताकि पशुओं के लिए पेयजल और चारा उत्पादन के लिए सिंचाई की सुविधा मिल सके। ज्ञात हो कि इस योजना के तहत इस योजना के तहत किसानों को उनके खेतों में शासकीय अनुदान पर सोलर सिंचाई पम्प दिए जा रहे हैं। प्रदेश में पहले 51 हजार सोलर सिंचाई पम्प स्थापना का लक्ष्य था, जिसे मार्च 2019 तक बढ़ाकर 56.574 कर दिया गया है । चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में 490 करोड़ रूपए खर्च कर 19.494 सोलर सिंचाई पम्प लगाए जाएंगे। मंत्रिपरिषद ने गौशालाओं में भी चरणबद्ध तरीके से सोलर पम्प स्थापना का निर्णय लिया।