दिल्ली से रायपुर और अटल नगर तक सामान्यजनों के जीवन में बदलाव लाना हम सबका एक ही मकसद : नरेन्द्र मोदी
रायपुर 22 सितम्बर (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि दिल्ली हो या रायपुर या अटल नगर, सामान्य जनों के जीवन में बदलाव लाना, उनकी जिन्दगी को बेहतर बनाना एक ही मकसद है। हमारी नीति और नीयत बिल्कुल साफ है। मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने जिन सपनों के साथ विकास को केन्द्र में रखकर एक सुचिंतित रणनीति और दूरगामी सोंच के तहत छत्तीसगढ़, झारखण्ड और उत्तराखंड का निर्माण किया था, उनके उन सपनों को पूरा करते हुए इन तीनों राज्यों को विकास की ऊंचाईयों तक पहुंचाना भी हमारा लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री आज अपरान्ह छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय जांजगीर में राज्य सरकार की प्रदेश व्यापी अटल विकास यात्रा के तहत आयोजित किसानों के एक विशाल सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मोदी ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ को तीन हजार 840 करोड़ रूपए की सड़क और रेल परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने इनमें से 1607 करोड़ रूपए की बिलासपुर-पथरापाली फोरलेन सड़क, 535 करोड़ रूपए की सरगांव-बिलासपुर फोरलेन सड़क और लगभग 1698 करोड़ रूपए की बिलासपुर-अनूपपुर तीसरी रेल लाईन का डिजिटल शिलान्यास किया। मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मोदी ने छत्तीसगढ़ के तेजी से हो रहे विकास के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विशेष रूप से तारीफ की। उल्लेखनीय है कि देश की आजादी के बाद जांजगीर पहुंचने वाले नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं।
मोदी ने छत्तीसगढ़ी भाषा में की भाषण की शुरूआत
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरूआत छत्तीसगढ़ी भाषा में की और विशाल जन-समूह का ‘जय जोहारÓ कहकर अभिवादन किया। उन्होंने कहा – सबसे पहले तो मैं छत्तीसगढ़ के नागरिकों का सिर झुकाकर नमन करता हूं, जिनके आशीर्वाद से हमें दिन-रात जनता के लिए कुछ न कुछ नया करने की प्रेरणा मिलती रहती है। मोदी ने कहा – अटल जी द्वारा बनाये गए तीनों राज्यों- छत्तीसगढ़, झारखण्ड और उत्तराखंड की निर्माण प्रक्रिया में दूर-दूर तक कहीं भी राजनीति का ÓरÓ भी नहीं था। छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण भी शुद्ध और नेक इरादे से किया गया। यह विकास के मामले में अटल जी की दूरगामी सोच थी। सिर्फ और सिर्फ विकास को केन्द्र में रखकर उन्होंने इन तीनों राज्यों का निर्माण किया था। उत्तराखण्ड के पहाड़ों में और झारखण्ड और छत्तीसगढ़ के जंगलों में बसे हमारे आदिवासी भाई-बहनों को इसका लाभ मिले, छोटे गांवों को बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित शहर के रूप में विकसित किया जा सके, कुशल और प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार कर भारत के विकास में ये राज्य में भी अहम भूमिका निभाएं, यह अटल जी का इरादा था। राज्य निर्माण के पीछे उनकी यह सोच थी। मोदी ने कहा – अटल जी की दूरगामी सोच कितनी परिणाम मूलक साबित हो रही है, यह इन नये राज्यों के गठन से पता चलता है।
छत्तीसगढ़ की जनता ने किया लोकतंत्र और
निर्वाचित सरकार की स्थिरता में विश्वास
नरेन्द्र मोदी ने कहा – छत्तीसगढ़ प्रदेश बनने के बाद यहां के हर निवासी में अपने राज्य के विकास के लिए कुछ कर दिखाने का भाव जागा। उसका ही नतीजा है कि आज छत्तीसगढ़ देश में सर्वाधिक प्रगति करने वाले राज्यों की श्रेणी में पहचाना जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय छत्तीसगढ़ सरकार की स्थिरता को भी दिया। उन्होंने कहा – छत्तीसगढ़ के लोगों ने निर्णय लेने में कोई चूक नहीं की है। इस राज्य के नागरिकों ने पूरी समझदारी के साथ प्रदेश के विकास के लिए अपनी जागरूकता और लोकतंत्र के प्रति और निर्वाचित सरकार की स्थिरता के प्रति अपने विश्वास को प्रकट किया है। मोदी ने कहा – ये छत्तीसगढ़ की जनता की जागरूकता का ही परिणाम है कि तमाम अवरोधों और आशंकाओं के बीच, अनर्गल आरोपो के बीच न तो छत्तीसगढ़ का मन हिला और न ही प्रदेश की जनता का। उसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ के लोग आज अपने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश को विकास की ऊंचाईयों पर ले जा रहे हैं।
चावल वाले बाबा सिर्फ चावल, नमक तक सीमित नहीं,
बल्कि लोगों के बेहतर भविष्य के लिए भी सजग
मोदी ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि चावल वाले बाबा के नाम से लोकप्रिय डॉ. सिंह ने गरीबों के लिए चावल, नमक और उनके पांवों के लिए जूतों की व्यवस्था तो की, लेकिन वे यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों के भविष्य निर्माण के लिए भी सजग हैं। उन्होंने नई पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए राज्य के युवाओं को नई योजनाओं के साथ ताकतवर बनाने का भी काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ. रमन सिंह बड़ी सोच वाले नेता हैं। उनके नेतृत्व में राज्य के हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। मोदी ने नक्सलवाद के संदर्भ में कहा कि पहले छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सलवाद और आतंकवाद से होती थी। बम, बंदूक और पिस्तौल से रक्तपात की खबरे आती थी। ऐसे संकटों का सामना भी दृढ़ इच्छा-शक्ति से करते हुए छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने का जो संकल्प उन्होंने लिया है, वह सराहनीय है।