47 लाख के ईनामी नक्सली पहाड़ सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ा

भिलाई, 23 अगस्त (आरएनएस)। एंटी नक्सल अभियान में नक्सलियों के विस्तार जोन एमएमएस को तगड़ा झटका लगा है। अभियान के तहत एसजेडसी सदस्य पहाड़ सिंह ने आई.जी.के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उस पर छत्तीसगढ़ म.प्र.और महाराष्ट्र की ओर से कुल 47 लाख का ईनाम घोषित हैं। नक्सली नेताओं द्वारा आदिवासी हितों के नाम पर कथनी व करनी का अन्तर का पर्दाफाश हुआ है। बातचीत से खुलासा हुआ कि नक्सल संगठन छोडऩे पर लोकल कैडर को मौत की सजा दी जाती है। पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज, जी.पी. सिंह के निर्देशन में राजनांदगांव जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे एन्टी नक्सल अभियान में उस समय एक और बड़ी कामयाबी मिली जब लाल आतंक का पर्याय बन चुके एमएमसी जोन के एसजेडसी सदस्य एवं जीआरबी डिवीजनल कमेटी के सचिव पहाड़ सिंह उर्फ कुमारसाय उर्फ राममोहम्मद सिंह टोप्पो ने पुलिस दबाव एवं छत्तीसगढ़ शासन की आत्म समर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आज पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया। वह राजनांदगांव के थाना गैंदाटोला अन्तर्गत ग्राम फाफामार का निवासी है। वर्ष 1991 में अपने परिवार एवं गांव के लोगों के साथ ग्राम मसूली, बोन्डे एवं आसपास के जंगल में रुक कर तेन्दूपत्ता तोड़ई का काम करते थे। रुकने के लिये झोपड़ी का निर्माण जंगल में ही करते थे इस दौरान देवरी दलम के कमाण्डर दीपक मडावी एवं अन्य नक्सली करीबन 30-40 की संख्या में झोपड़ी में आते थे। ये नक्सली कांतिकारी विचारधारा के बारे में नाच गाना के माध्यम् से बताते थे। इसी तरह बीच-बीच में तेन्दूपत्ता तोडऩे के लिये मजबूर किया जाता है।

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