श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने उमडऩे लगी भीड़

दुर्ग , 12 मई (आरएनएस)। दुर्ग जिला देवांगन समाज द्वारा माँ परमेश्वरी आश्रम, बघेरा दुर्ग में आयोजित कोरोना काल में दिवंगत स्वजनों की सद्गति के लिए सार्वजनिक श्री मद्भागवत महापुराण कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ में तृतीय दिवस के कथा प्रसंग धु्रव चरित्र, भरत कथा, जड़ भरत चरित्र, प्रहलाद चरित्र, नृसिंह अवतार में भागवत मर्मज्ञ संत निरंजन महाराज , भागवत आश्रम, लिमतरा ने अपनी मनमोहिनीजश्वी प्रवचन में भागवत महापुराण को सनातन संस्कृति की महिमा का बखान बताया। उन्होंने कहा कि पहले परिवार में पौराणिक पात्र से संस्कार प्रदान किया जाता था किंतु अब समय बदल रहा है द्य कॉमिक्स पात्रों से संस्कार दिया जा रहा है द्य भारतीय संस्कृति की मूलाधारा बहते रहना, चलते रहना अर्थात चरैवेती – चरैवेती है द्य उन्होंने ध्रुव जी को भक्ति मार्ग का प्रतीक बताया द्य सुमति को सम्पत्ति और कुमति को विपत्ति का खदान कहा है द्य असत्य की सत्ता नहीं है और सत्य का कहीं अभाव नहीं है । सद्गुरु परमार्थ का मार्ग दिखाते हैं इसलिये उनके दिखाये मार्ग पर चलते हुए व्यवहारिकता के मार्ग पर चलते हुए परहित करते रहना चाहिये।
कथा श्रवण में पुराणिक राम देवांगन, जिलाध्यक्ष, दुर्ग जिला देवांगन समाज, सचिव राकेश देवांगन, सहित समाज के हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी लोगों के लिये भोजन – प्रसादी की व्यवस्था किया गया है।

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