ग्रीष्म ऋतु में 33 ट्रेनेें रद्द होने से यात्री हो रहे हलाकान

कोयले की कमी के संकट के चलते रेलवे ने बंद की यात्री गाडिय़ां

रायपुर, 09 मई (आरएनएस)। पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु के सीजन में यात्री भाड़े से सर्वाधिक कमाई करने वाला इंडियन रेलवे मिली जानकारी के अनुसार कोयले की कमी के चलते बिजली संकट के चलते माल ढुलाई ट्रेनों को ही चला पाने की स्थिति में है। देश के 75 वर्षों के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब भारतीय रेल को बिना किसी मुनासिब कारण से 33 ट्रेनें एक साथ रद्द करनी पड़ी है। ज्ञातव्य है कि गर्मी की छुट्टी में ज्यादातर लोग शादी विवाह, रिश्तेदारी एवं पर्यटन के उद्देश्य से घूमने निकलते हैं। वहीं उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम रेलवे मुंबई, दिल्ली, हावड़ा सहित अनेक राज्यों में टिकटों की मारामारी के चलते यात्री जबर्दस्त भीड़ के चलते हलाकान हो रहे हैं।
भीड़ के चलते रिजर्वेशन काउंटर्स पर लंबी वेटिंग चल रही है। वहीं रेलवे अधिकारियों के अनुसार 33 ट्रेनों में से अधिकतम गाडिय़ों में 50 हजार से भी अधिक यात्री रोजाना यात्रा करते हैं। केवल रायपुर स्टेशन से ही मुख्य ट्रेक पर 112 सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनें चलती है जिनमें लंबी दूरी की गाडिय़ों में मुुंबई हावड़ा मेल, गीतांजलि सुपरफास्ट, आजाद हिंद, सारनाथ, संपर्क क्रांति, अहमदाबाद एक्सप्रेस सहित अनेक लंबी दूरी की गाडिय़ों में आरक्षण के लिए एक भी बर्थ नहीं होने से पैक की स्थिति है लोकल ट्रेनों के रद्द होने से भी प्रतिदिन कामकाज के लिए आने जाने वाले यात्रियों यथा रायपुर से बिलासपुर, भाटापारा, राजनांदगांव, दुर्ग, डोंगरगढ़, रायगढ़ आदि की यात्रा नहीं हो पाने से प्रभावित हो रहे हैं। लोकल ट्रेनों के बंद होने से दैनिक यात्री प्रभावित हो रहे हैं। वहीं रायपुर रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर राकेश सिंह के अनुसार पीक सीजन होने के कारण मई माह में प्लेटफार्म पर भीड़ प्रभावित है।

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