विश्व आदिवासी दिवस : मुख्यमंत्री ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन
रायपुर, 09 अगस्त (आरएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम परिसर में आदिवासी विकास विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में भित्ती चित्र, बेलमेटल शिल्प की कलाकृतियों, आदिवासी गोदना आर्ट, आदिवासी विकास विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी वित्त एवं विकास निगम और जनसम्पर्क विभाग द्वारा स्टाल लगाए गए थे। विश्व आदिवासी समारोह में शामिल होने आए प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोगों ने प्रदर्शनी के स्टालों का अवलोकन किया और कलाकृतियों को सराहा। सरगुजा की श्रीमती सुन्दरी बाई की रजवार भित्ती चित्रकला, आदिवासी गोदना आर्ट से सजे वस्त्र और बेलमेटल की कलाकृतियां लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहीं। अबूझमाड क्षेत्र के नारायणपुर जिले से आयी माडिया जनजाति की महिलाओं ने अपने स्टाल पर फूलझाडू प्रदर्शित की थी। मुख्यमंत्री ने उनकी कला की सराहना की। ग्राम कुमियाबेड़ा गांव के माड़िया महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि वे लोग बांस की कलाकृतियां भी बनाती हैं।
सरगुजा की सुप्रसिद्ध भित्ती चित्र कलाकार श्रीमती सुन्दरी बाई अपने स्टाल पर अपने सहयोगियों के साथ भित्ती चित्र बना रही थीं। मुख्यमंत्री के स्टाल पर पहुंचने पर उन्होंने डॉ. सिंह का स्वागत किया। सरगुजा जिले के ग्राम सरकोतंगा (विकासखण्ड-लखनपुर) निवासी श्रीमती सुन्दरी बाई ने बताया कि कलाकार के रूप में प्रतिमाह पांच हजार रूपए की पेंशन मिल रही है। उन्होंने भारत भवन, मानव संग्रहालय, राजधानी के महंत घासीदास संग्रहालय में भी भित्ती चित्र बनाए हैं। इंग्लैण्ड, पेरिस और फ्रांस में भी उन्होंने कला का प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं दी। सरगुजा के जमगला गांव के नारी शक्ति महिला स्व-सहायता समूह ने आदिवासी गोदना आर्ट का स्टाल लगाया था। स्टाल में गोदना आर्ट से सजी सूती और कोसे की साड़ियां और वस्त्र प्रदर्शित किए गए थे। स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती रामकेली पावले ने बताया कि गोदना आर्ट के लिए हर्रा, बहेरा, परसाफूल, धवई फूल, खैरखरपाली, सेमीपत्ता आदि से रंग तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि समूह को सालभर में लगभग 50 हजार रूपए की आय होती है।