रायपुर, 16 नवम्बर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के वनांचल के किसानों को अब सौर ऊर्जा चलित पम्पों से सिंचाई सुविधा का लाभ मिल रहा है। सुकमा जिले के सुदूर अंचल के जहां विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। ऐसे स्थानों पर किसानों को राज्य शासन की सौर सुजला योजना के पम्प दिए जा रहे हैं, जो किसानों की आर्थिक उन्नति का आधार साबित हो रहे हैं। इन पम्पों की सुविधा से किसान फसल में सिंचाई के साथ-साथ साग-सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं। इस योजना से लाभान्वित सुकमा जिले के गोलापल्ली निवासी श्री सुन्नम भीमा ने बताया कि पहले उन्हंे पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। इससे फसल को भी नुकसान पहुंचता था। खेत से 500 मीटर दूरी से बिजली का जुगाड़ करना पड़ता था। डीजल पंप के इस्तेमाल में काफी खर्च होता था। उन्होंने बताया कि 2019-20 में उसे सौर उर्जा चलित पंप प्रदाय किया गया। इससे सिंचाई में उन्हें काफी सुविधा हो गई। वे अपनी ढाई एकड़ खेत में सब्जियों और कपास की फसल का उत्पादन करते हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ गई है। सुकमा जिले के सहायक अभियंता क्रेडा, श्री गोपी कश्यप ने बताया कि सौर सुजला योजना के माध्यम से सुकमा जिले में कृषि कार्य हेतु लगभग 3000 सोलर पम्पों की स्थापना की जा चुकी है और 100 पम्पां का स्थापना कार्य प्रगतिरत है। आगामी वर्ष में जिला प्रशासन सुकमा द्वारा जिले के पुलिस थाना एवं बेस कैम्प के समीपस्थ ग्रामों के 500 किसानों का पृथक से चयन कर बोरवेल खनन तथा सौर पम्प स्थापना की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिससे उनके द्वारा उत्पादित साग-सब्जियों का प्रबंध एवं विक्रय आसपास के कैम्प एवं ग्रामों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले के दुर्गम व वनांचल इलाके जैसे मरईगुड़ा, किस्टाराम, सिन्दुरगुडा, एलकनगुड़ा धर्मापेन्टा, गोलापल्ली, कोतुर तथा जगरगुन्डा में सोलर पम्प की स्थापना से किसानांे को खरीफ एवं रबी की फसल के साथ-साथ मौसमी साग-सब्जियां का उत्पादन, तथा आर्थिक स्थिति में परिवर्तन आया है। कृषक कृषि के एक सीमित दायरे से निकलकर अन्य मुनाफा देने वाली फसल लेने में भी उत्साह दिखा रहे है।
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