आजीविका के साधनों की मजबूती और जनता के हाथ में आर्थिक ताकत छत्तीसगढ़ के विकास मॉडल का आधार : भूपेश बघेल


रायपुर, 14 नवम्बर 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपनी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 23वीं कड़ी में उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल विषय पर प्रदेशवासियों से चर्चा की। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर प्रसारित इस कड़ी की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था। पंडित नेहरू का जन्म दिवस बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते हैं। वे देश की नई पीढ़ी को अपने विश्वास की छत्रछाया में पनपते देखना चाहते थे। पंडित नेहरू को नई पीढ़ी पर अटूट भरोसा था। मुख्यमंत्री ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं चाहूंगा कि आप लोग पंडित नेहरू की जीवनी और उनके कार्यों के बारे में पढ़ें, जानें और उन्हें अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें। पंडित नेहरू ने नये और आधुनिक भारत की नींव रखी, उन्होंने भारी कल-कारखानों, बांध, विज्ञान और तकनीक की शिक्षा के लिए आधुनिक संस्थानों की स्थापना की। आज इन्हीं संस्थाओं में हमारे देश के नौनिहालों का भविष्य संवर रहा है और देश तथा दुनिया को बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर और विशेषज्ञ मिल रहे हैं।
योजनाओं के जरिए किसानों, वन आश्रितों, मजदूरों, महिला समूहों, युवाओं की जेब में पहुंचे 80 हजार करोड़ रूपए मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल विषय पर कहा कि हमने आजीविका को मजबूत करने और जनता के हाथों में स्वाभिमान से लेकर आर्थिक ताकत सौंपने की जो रणनीति अपनाई, वही छत्तीसगढ़ मॉडल के रूप में हमारी पहचान बनी है। हमने दिखावटी विकास की दौड़ से अपने आपको अलग रखा और बुनियादी बातों पर ध्यान दिया, जिससे प्रदेश में आजीविका और जीवन स्तर उन्नयन के स्थाई साधनों का निर्माण हो रहा है। शुरुआती मंदी का समय रहा हो या बाद में कोविड के लॉकडाउन का संकट, हमने विभिन्न जनहितकारी योजनाओं के जरिए किसानों, वन आश्रितों, मजदूरों, महिला समूहों और युवाओं की जेब में जो 80 हजार करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से डाले उस राशि को हमारे भाइयों-बहनों और युवा साथियों ने तिजोरी में बंद करके नहीं रखा बल्कि उससे नए-नए काम किए, अपनी जरूरत की खरीदी की। इस तरह आप सबने मिलकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की तरलता को बनाए रखा। इस तरह से प्रदेश में नए-नए तरह के काम-धंधे भी चले और परंपरागत कौशल, परंपरागत रोजगार के अवसरों को नई दिशा भी मिली।

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