रायपुर 29 अक्टूबर  (आरएनएस)।   राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन  सांध्यबेला में जनजातीय जीवन शैली की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की धूम रही। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आदिवासी नृत्यों की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा। विधानसभा अध्यक्ष श्री चरण दास महंत, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, पांडुचेरी के सांस्कृति मंत्री श्रीमती चंद्रिका प्रियंगा, मन्त्रिमण्डल के सदस्यों एवं अतिथियों ने उनका उत्साहवर्धन किया।पांडिचेरी के कलाकारों ने जनजाति संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत कर दर्शकों को तालियाँ बजाने पर किया मजबूर पांडिचेरी के नर्तक दलों के कलाकारों ने अपने पारंपरिक वेशभूषा, वाद्ययंत्रों एवं मुख़ौटो के साथ नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। नृत्य के दौरान अपने गांव की रक्षा के लिए नृत्य कर पूजा भी किये। जनजाति संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत कर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर किया। छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य दल ने दी मनोरंजक प्रस्तुति राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने करमा नृत्य की प्रस्तुति दी।करमा नृत्य ने एक बार फिर साबित किया कि जनजातीय जीवनचर्या में सांस्कृतिक विरासत किस तरह घुली मिली है। अपने जीवन शैली की बानगी उनके नृत्य में देखने को मिली जिसे जमकर सराहना मिली। आदिवसियों के रंग बिरंगे परिधानों को देख दर्शक अभिभूत हो गए। राजा करम सेन के याद में करमा नाच के माध्यम से कलमी (करम डाल के पेड़) के पूजा करके आंगन में उस डाली को स्थापित करते हुए नृत्य किये। नृत्य के माध्यम से नृत्य दल भावभंगिमा, वेशभूषा, नृत्य की कला को प्रदर्शित करते हुए अत्यंत मनोरम, रमणीय प्रस्तुति दी।