(लखनऊ) चातुर्मास में श्री शिवमहापुराण का श्रवण सभी के लिए होगा फलदाई: डॉ. समीर त्रिपाठी
श्री शिवमहापुराण (अर्थ सहित) के प्रथम अध्याय के गायन का वीडियो रिलीज
श्री शिवमहापुराण के गायन को डॉ. समीर त्रिपाठी ने प्रदान किया है स्वर
डॉ. समीर त्रिपाठी ने बताया चातुर्मास में श्री शिवमहापुराण के श्रवण का महत्त्व
लखनऊ 25 जुलाई (आरएनएस)। श्रावणमास के पावन पर्व पर श्री शिवमहापुराण (अर्थ सहित) के प्रथम अध्याय के गायन का वीडियो यूट्यूब चैनल मेधज एस्ट्रो पर आज वर्चुअली रिलीज किया गया। श्री शिवमहापुराण के इस गायन को मेधज टेक्नोकांसेप्ट प्रा.लि. की सीएमडी डॉ. समीर त्रिपाठी ने स्वर प्रदान किया है।
इस अवसर पर आशियाना स्थित मेधज टावर पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. समीर त्रिपाठी ने कहा देवाधिदेव महादेव की असीम अनुकम्पा से मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि भगवान शिव की महिमा आम जनमानस तक पहुंचा सकूं।
डॉ. समीर त्रिपाठी ने कहा चातुर्मास का आरम्भ हो चुका है, हमारे धर्मशास्त्रो में ऐसी मान्यता है कि इस अवधि में भगवान विष्णु सभी देवी देवताओं के साथ पाताललोक में चार महीने के लिए विश्राम करने चले जाते है। यह समय हमें अपनी आंतरिक शक्तियों को विकसित करने का होता है।
उन्होंने कहा भगवान शिव के प्रिय मास श्रावणमास का भी आरम्भ आज से हो रहा है। भगवान शिव सर्वेश्वर हैं, महादेव हैं, आदियोगी हैं, हम सबके कल्याणकर्ता हैं। इस चातुर्मास में हम जो पुण्यफल अर्जित करेंगे वो सामान्य दिनों से हजार गुना ज्यादा होता है, ऐसे में हमे शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
डॉ. समीर त्रिपाठी ने कहा श्रवण का अर्थ है सुनना इसलिए इस चातुर्मास में हमें अच्छी-अच्छी बातें सुननी चाहिए जिससे अर्जित पुण्यफल हमारे परिवार व समाज के काम आ सकें। इन दिनों में श्री शिवमहापुराण का श्रवण आध्यात्म व भगवान की भक्ति के दृष्टिकोण से काफी लाभप्रद होगा।
डॉ. समीर त्रिपाठी ने बताया श्री शिवमहापुराण में 466 अध्याय हैं। प्रतिदिन एक अध्याय के गायन का वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल मेधज एस्ट्रो पर रिलीज होगा। विश्वकल्याण हेतु गाए गए श्री महाशिवपुराण (अर्थ सहित) का आप लोग अवश्य श्रवण करें एवं अधिक से अधिक लोगों को इसे सुनने के लिए प्रेरित भी करें।
याद दिला दें कि इससे पूर्व डॉ. समीर त्रिपाठी ने ? नम: शिवाय, सम्पूर्ण रामचरितमानस (अर्थ सहित) व कई अन्य भक्तिपूर्ण रचनाओं का गायन किया है जो उनके यूट्यूब चैनल मेधज एस्ट्रो पर उपलब्ध है।
डॉक्टर समीर त्रिपाठी की आध्यात्मिक यात्रा
डॉ. समीर त्रिपाठी ने कोरोना काल में सम्पूर्ण रामचरितमानस (अर्थ सहित) का गायन रिकॉर्ड समय में करके आपदा को अवसर में बदलने का काम किया, जिससे हजारों-लाखों लोग प्रेरित हुए।
सम्पूर्ण रामचरितमानस (अर्थ सहित) के गायन का वीडियो रामनवमी के पावन पर्व पर यूट्यूब चैनल मेधज एस्ट्रो पर रिलीज हुआ था। इस कार्यक्रम को आद्यात्मिक गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज सहित तमाम संत-महात्माओं, राजनेताओं एवं समाजसेवियों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था।
डॉ. समीर त्रिपाठी ने अपने पिता शिवदत्त त्रिपाठी की गीता वाणी पुस्तक की चार लाइनों ‘जो विचार भजो वही मैं हो जाता हूं
उस विचार का दर्पण हटते ही खो जाता हूं
मेरा ही प्रतिबिंब चेतना पकड़ रही है
मैं ही बन आकार चेतना में आता हूंÓ को जीवन में उतारते हुए अपनी आध्यात्मिक यात्रा प्रारंभ की।
डॉ. समीर त्रिपाठी के इस अद्भुत कार्य को मार्वलस बुक ऑफ़ रेकॉड्र्स, हाई रेंज बुक ऑफ़ रेकॉड्र्स व इंडिया बुक ऑफ़ रेकॉड्र्स ने भी मान्यता प्रदान की है।
श्री शिव महापुराण के प्रथम अध्याय के गायन की रिलीज के इस शुभ अवसर पर डॉ. समीर त्रिपाठी के परिवार के समस्त सदस्य, मेधज संस्थान के तमाम कर्मचारी गण व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम में विशेष रूप से शांति निकेतन रिसर्च फाउंडेशन के चेयरमैन व फाउंडर श्री शिवयोगी युक्तानंद जी महाराज की उपस्थिति रही। उन्ही के आशीर्वाद की छाया तले समस्त कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न हुआ। युक्तानंद जी श्री विद्या के भारत के एकमात्र साधक हैं साथ ही भारत की वैदिक सनातन संस्कृति और ऋषि परंपरा को पुनस्र्थापित करने के लिए भारत में पुन: गुरुकुल पद्धति की स्थापना के तहत गुरुकुल लाओ देश बचाओ अभियान के प्रणेता भी हैं।