वेदांता एल्युमीनियम ने 16.5 अरब लीटर पानी किया रीसाइकिल

रायपुर, 14 जुलाई (आरएनएस)। भारत में एल्युमीनियम और मूल्य वर्धित उत्पादों के सबसे बड़े उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम बिजनेस ने वित्त वर्ष 20-21 के दौरान जल संरक्षण पर निगरानी और नियंत्रण पर केंद्रित टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से 16.5 अरब लीटर पानी को रीसाइकिल किया है। इसकी एलुमिना रिफाइनरी, एल्युमीनियम स्मेल्टर्स और पावर प्लांट्स में पानी की बचत करने वाली परियोजनाओं की मदद से 70 करोड़ लीटर जल संरक्षण हुआ है।
वेदांता एल्युमीनियम का संचालन वेदांता सस्टेनेबल डेवलपमेंट फ्रेमवर्क द्वारा निर्देशित होता है, जिसमें इंटरनेशनल फाइनेंशियल कॉरपोरेशन (आईएफसी), इंटरनेशनल काउंसिल फॉर माइनिंग एंड मेटल्स (आईसीएमएम) और ग्लोबल रिपोर्टिंग इनिशिएटिव (जीआरआई) आदि से जुड़ी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी मैनेजमेंट की गतिविधियों के अनुरूप विकसित तकनीकी और प्रबंधन मानकों व मार्गदर्शन का मजबूती से पालन होता है। कंपनी की जल प्रबंधन नीति पानी की खपत को कम करने की दिशा में कंपनी के प्रयासों का मार्गदर्शन करती है और छठे यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल – स्वच्छ जल एवं स्वच्छता के प्रति वेदांता की प्रतिबद्धता के अनुरूप पानी के पुन उपयोग और परिचालन के दौरान जीरो लिक्विड डिस्चार्ज को बढ़ावा देती है।
जल संरक्षण परियोजनाओं की सूची में वेदांता ने हाल ही में एक और रूफ टॉफ रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शुरुआत की है। झारसुगुड़ा में अपने कैप्टिव पावर प्लांट में स्थापित रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में कम से कम 56,000 लीटर पानी की संग्रह क्षमता है। इस पानी का उपयोग संयंत्र के भीतर विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। वेदांता ने लांजीगढ़ क्षेत्र के विभिन्न गांवों में 19 फार्म तालाब विकसित करने के लिए ओडिशा सरकार के मृदा संरक्षण और वाटरशेड विकास विभाग के साथ भी गठजोड़ किया है, जिससे न केवल स्थानीय किसानों को उनकी फसलों की सिंचाई करने में मदद मिल रही है, बल्कि एक्वाकल्चर के रूप में एक समानांतर आजीविका का अवसर भी सृजित हो रहा है।

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