रायपुर, 18 जून (आरएनएस)।
मुख्यमंत्रीभूपेश बघेल ने कहा है कि कुछ साल पहले तक किसान कर्ज मांगने के लिए साहूकारों के दरवाजे पर खड़े रहते थे, सोसायटियों में किसान डिफाल्टर हो जाता था। हर साल खाद-बीज की चिंता रहती थी, लेकिन आज उनके चौखट में बड़ी-बड़ी फायनेंस कम्पनियां खड़ी है, कोई ट्रेक्टर देने तैयार है, कोई मोटर-सायकिल बेचना चाहता है। यह बदलाव राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं और फैसलों से आया है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में लोकार्पण और भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि किसान हितैषी योजनाओं से किसान आर्थिक दृष्टि से मजबूत हो रहे हैं। कर्जमाफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी जैसी योजनाओं से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। गरीबों और किसानों की जेब में पैसा आ रहा है। बड़ी-बड़ी कम्पनियों को मालूम है कि शहरों से ज्यादा पैसा छत्तीसगढ़ के गांवों में आ रहा है। फायनेंस कम्पनियां किसानों को ट्रेक्टर और अन्य उपकरणों के लिए तत्काल फायनेंस करने के लिए तैयार हैं। लॉकडाउन के समय जब पूरे देश में मंदी थी, तब सबसे ज्यादा ट्रेक्टर और मोटर-सायकल छत्तीसगढ़ में बिक रही थी। श्री बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम में कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में 226 करोड़ 96 लाख रूपए की लागत के 265 विभिन्न विकास कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। उन्होंने कोरबा जिले में लगभग 104 करोड़ रूपए की लागत के 121 कार्याें का और जांजगीर-चांपा जिले में 122 करोड़ 96 लाख रूपए की लागत के 144 विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।