रायपुर, 29 मई (आरएनएस)। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आगामी मानसून सीजन में प्रदेश में बाढ़ और वर्षा से उत्पन्न नैसर्गिक विपत्तियों से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियों पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में बाढ़ नियंत्रण के लिए कार्ययोजना बना ली जाए। जलाशयों से जल छोड़ते समय विशेष ध्यान रखने और बांधों का जल स्तर बढ़ने पर जल निकासी हेतु निचले जिलों और सीमावर्ती राज्यों को 12 घंटे पूर्व आवश्यक रूप से सूचना दी जाए। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में वर्षा पूर्व नालों की सफाई कर ली जाए। पहुंचविहीन क्षेत्रों में खाद्यन्न का भण्डारण, पेयजल स्रोतों का शुद्धिकरण, सभी जिलों में आपदा नियंत्रण कक्ष, किसानों के लिए खाद-बीज व्यवस्था, बाढ़ राहत शिविरों में कोरोना प्रोटोकाल के पालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य सचिव श्री जैन आज यहां मंत्रालय में बाढ़ नियंत्रण के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बैठक में कहा कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घण्टे कार्यरत् रहें। 10 जून के पहले सभी 28 जिलों में जिला स्तर पर संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी के समन्वय से बाढ़ नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण कर ली जाए। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय विभागों के नोडल अधिकारियों द्वारा ग्राम स्तर पर पंचायत प्रतिनिधि एवं नगरीय निकाय क्षेत्रों में पार्षदगण के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव, सुरक्षा, निकासी की कार्ययोजना तैयार की जाए। मानसून से पूर्व राज्य के विभिन्न जिलों में कमजोर हो चुके पुल-पुलियों एवं इमारतों की पहचान कर उनका मरम्मत कार्य करा लिए जाएं।