19 अप्रैल (आरएनएस)। कोविड-19 वायरस ने पूरे विश्व को सीमित दायरे में बांध दिया है। विशेषज्ञ, रिसर्चस और चिकित्सक बार-बार हिदायत दे रहे हैं कि इसके रोकथाम ऑर बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखे, मास्क का उपयोग करें और अपने घरों पर सुरक्षित रहें ।अनेक बार ऐसी ही समझाइश देने वाले लोगों को इसके विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है । चिकित्सक ओर चिकित्सा स्टाफ ऐसे ही वर्ग से आते ,जिन्हें सबके बीच विशेषकर कोरोना के संभावित या कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बीच जाकर काम करना पड़ता है और उनके संपर्क में आना पड़ता है। ऐसे में उन्हें बचाने का काम वैक्सीन ही कर पाती है। इसी कारण चिकित्सक, मेडिकल स्टाफ और उनके साथ फ्रंट लाइन में काम करने वालों को सबसे पहली टीकाकारण की सुविधा भी दी गई। रायपुर जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल भी ऐसी ही एक फ्रंटलाइन वर्कर है। लगातार रात दिन कोराना से संबंधित काम करने के दौरान उन्हें जैसे ही वैक्सीन लगवाने का अवसर मिला ,उन्होंने निर्धारित अवधि में करोना के दोनों टीका लगवाए। डॉ मीरा बघेल की भी एक सामान्य नागरिक की तरह दो बार तबीयत बुरी तरह खराब हुई। उन्हें तीन- तीन बार कोरोना का टेस्ट कराना पड़ा। लेकिन कोरोना टीका के प्रभाव से उन्होंने तीनों ही बार कोरोना को मात दी और कोरोना टेस्ट का नतीजा नेगेटिव आया ।
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