देश में तंबाकू नियंत्रण कानून को मजबूत करने के पक्ष में हैं 88 फीसदी लोग
0- सरकार की कोटपा संशोधन विधेयक में संशोधन के मसौदे में प्रस्तावित सुधारों पर सर्वेक्षण
नई दिल्ली ,12 फरवरी (आरएनएस)। देश के 10 राज्यों में वयस्कों पर आधारित एक सर्वे के अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक भारतीयों का मानना है कि सिगरेट, बीडी, धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग एक बहुत ही गंभीर समस्या है। 72 प्रतिशत का मानना है कि सैकेंड हैंड स्मोक यह एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है। 88 प्रतिशत लोग वर्तमान तंबाकू नियंत्रण कानून को मजबूत बनाने का समर्थन करते हैं। हवाई अडडों, रेस्तरां और होटलों, विशेष निर्दिष्ट धूम्रपान क्षेत्रों, खुली सिगरेट और बीडी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना, तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों को विक्रय बिन्दुओं पर प्रतिबंध लगाना इनका समर्थन किया है। यह समर्थन 10 राज्यों में कंस्यूमर वॉयस द्वारा किए गए सर्वेक्षण के निष्कर्ष हैं। कंप्यूटर असिस्टेड टेलिफोन इंटव्यूइंग, (सीएटीआई) और रैंडम डिजिट डायल (आरडीडी) चयन पद्वति का उपयोग कर 1476 वयस्कों (18+) पर 10 भाषाओं हिंदी, गुजराती, पंजाबी, उडिया, मराठी, तमिल, बंगाली, तेलुगु, मलयालम और कन्नड द्ध पूरे देश भर में किया गया।
अधिकांश भारतीयों द्वारा तंबाकू के उपयोग को एक गंभीर समस्या के रूप में देखा जाता है: अधिकांश लोगों द्वारा तंबाकू उपयोग के विभिन्न रूपों को बहुत गंभीर समस्या माना जाता है। 82 प्रतिशत लोगों का मानना है कि धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग एक बहुत गंभीर समस्या है। 80 प्रतिशत लोग यह सिगरेट एवं 77 प्रतिशत लोग बीडी स्मोक को एक गंभीर समस्या मानते हैं। सेकैंड हैंड स्मोक 72 प्रतिशत लोगों के अनुसार एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है और 10 में से 7 का कहना है कि यह सैकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में आने से परेशान है।
सैकेंड हैंड स्मोक एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है। 72 प्रतिशत उत्तरदाताओं के अनुसार और 10 में से सात भारतीयों का कहना है कि यह उन्हें सैकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में लाने के लिए परेशान करता है।
भारतीय तंबाकू नियंत्रण कानून को मजबूत करने के पक्ष में हैं: 88 प्रतिशत ने वर्तमान तंबाकू कानून को मजबूत करने का समर्थन किया है। दस में से नौ से अधिक भारतीय इसके पक्ष में हैं। सभी का समर्थन इस पक्ष में रहा। यहां तक कि तंबाकू उपयोगकर्ता भी इस विचार का समर्थन करते हैं।
कंज्यूमर वॉयस के सीओओ असीम सान्याल ने कहा कि वर्तमान तंबाकू नियंत्रण कानून को मजबूत करने के लिए लोगों से मिले भारी समर्थन को देखना बहुत उत्साहजनक है। भारत सरकार ने तंबाकू नियंत्रण कानून कोटपा 2003 की संशोधन प्रक्रिया शुरू कर दी है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सार्वजनिक स्थानों पर स्मोकिंग पर प्रतिबंधं, खुली सिगरेट और बीडी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना, तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों को विक्रय बिन्दुओं पर प्रतिबंध लगाना इनका समर्थन किया है तथा इसमें भारी जुर्माना इस कानून को मजबूत बनाते हैं।
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