पीएम आवास की स्थाई सूची में नाम जोड़वाने विशेष अभियान
महासमुंद, 17 जून (आरएनएस)। जिले में केंद्र तथा राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल प्रधानमंत्री मंत्री आवास (ग्रामीण) योजना को अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने तथा उन्हें लाभ दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हर जरूरतमंद व्यक्ति का पक्का मकान का सपना पूरा हो इसके लिए एक विशेष अभियान के तहत जिले सभी जनपद पंचायतों, जिला पंचायत कार्यालय तथा जिले के सभी 545 ग्राम पंचायतों में 37 हजार 720 आवेदनों का परीक्षण के बाद चस्पा कर पुन: नाम जोड़वाने के लिए दावा आपत्तियों के लिए एक और अवसर दिया जा रहा है। 18 जून तक संबधित ग्राम के निवासी अपने ग्राम पंचायत में अपनी दावा-आपत्ति कर सकेंगे। कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता ने जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज रघुवंशी को विशेष जिम्मेदारी दी है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में चस्पा किया गया। सूची ग्रामीणों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर ही तैयार किया गया है। ये सभी आवेदन 11 मार्च की विशेष ग्राम सभा एवं कलेक्टर जनदर्शन तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित करने के लिए अतिरिक्त छुटे हुए पात्र हितग्राहियों का सत्यापन कराया गया है। पात्र एवं अपात्र हितग्राहियों की सूची प्रत्येक ग्राम पंचायतो में प्रकाशित किया गया है। उक्त सूची में दावा आपत्ति के लिए 18 जून 2018 को शाम 5:30 बजे तक तथा 19 जून को आयोजित होने वाले विषेश ग्राम सभा में ग्राम पंचायत के सचिव तथा जिला पंचायत, जनपद पंचायत के नोडल अधिकारी के पास जमा कर सकते है। उक्त आवेदनों का निराकरण कर अंतिम सूची एवं ग्राम पंचायत में आवास के लिए पात्र हितग्राही शेष नहीं के संबंध में प्रमाण पत्र तैयार कर संबंधित जनपद पंचायत को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए महासमुंद जनपद पंचायत के लिए अमित हल्धार, बागबाहरा के लिए पी. पाण्डेय, पिथौरा के लिए पीसी त्रिपाठी, बसना के लिए एनसी साव एवं सरायपाली के लिए एमआर चौधरी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। दावा आपत्ति के लिए नियम एवं शर्तें भी बनाई गई जो इस प्रकार है। आवेदक तथा हितग्राही की उम्र वर्ष 2011 में 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। यदि आवेदक,प्रस्तावित हितग्राही वर्ष 2011 की स्थिति में नाबालिग हों तो वह प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित करने के लिए अतिरिक्त हितग्राहियों के चिन्हांकन के लिए अपात्र है। इसी प्रकार यदि आवेदक, प्रस्तावित हितग्राही वर्ष 2011 की स्थिति में आवासहीन हो परन्तु वर्तमान में उसके नाम से पक्का आवास है, तो वह अपात्र है। यह भी ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्थिति में ग्रामीणों को यह आश्वासन नहीं दिया जाए कि सूची में सम्मिलित मात्र होने से उन्हें आवास प्राप्त होगा ही। किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी व प्रलोभन न दिया जाए।