भारत की सैन्य ताकत मजबूत नहीं होने पर दुश्मन उठा सकते हैं फायदा: रावत

नई दिल्ली,10 नवंबर (आरएनएस)। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सैन्य बल बहुत जटिल और अनिश्चित माहौल में काम कर रहे हैं और उन्हें क्षेत्र में शांति के लिए क्षमता बढ़ानी होगी क्योंकि अगर सैन्य ताकत मजबूत नहीं होगी तो भारत के विरोधी इसका फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत जरूरत पडऩे पर आस पड़ोस में मित्र देशों के साथ अपनी सैन्य क्षमता को साझा करना चाहता है।
सीडीएस रावत रक्षा और सैन्य मुद्दों पर आधारित एक पोर्टल ‘भारतशक्ति डॉट इनÓ के पांचवें वार्षिक सम्मेलन के शुरुआती सत्र को संबोधित कर रहे थे। जनरल रावत ने कहा, आज हम बेहद जटिल, अनिश्चित और अस्थिर माहौल में काम कर रहे हैं। विश्व के तकरीबन हर क्षेत्र में छोटी, बड़ी जंग छिड़ी हुई है। इसलिए यदि हमें खुद की रक्षा करनी है, अपने देश की, अपने देश की अखंडता और अपने लोगों की रक्षा करनी है तो हमें मजबूत सैन्य बल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लेकिन तब क्या हम कह रहे हैं कि सैन्य बल को युद्ध की तैयारी करनी चाहिए नहीं। सैन्य बलों को क्षेत्र में शांति लाने के लिए क्षमता विकसित करनी चाहिए। अगर हमारे पास मजबूत सैन्य बल नहीं होंगे तो विरोधी हमारा फायदा उठाएंगे। जनरल रावत का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले छह महीने से गतिरोध चल रहा है। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध सुलझाने के लिए सिलसिलेवार राजनयिक और सैन्य वार्ता भी हुई है। हालांकि कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है।
हम पड़ोसियों के साथ करना चाहते हैं साझा अपनी क्षमता
जनरल रावत ने कहा कि हम विदेशी भागीदारी को आमंत्रित करने से नहीं हिचकिचाते हैं, जो कि हमारे उद्योगों की सहायता कर सकती है और इससे आगे बढऩे में मदद मिलती है। हम दुनिया के दूसरे सैन्य बलों खासकर पड़ोसियों के साथ भी अपनी क्षमता साझा करना चाहता है।
अलग-अलग देशों के रक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में जनरल रावत ने कहा, हम उन सबकी मदद करना चाहते हैं जिन्हें हमारे सहयोग की जरूरत है खासकर उन देशों को जो कठिन समय से गुजर रहे हैं और अच्छी हथियार प्रणाली चाहते हैं। वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने कहा कि भारत के विरोधियों से खतरा गहरा और दीर्घकालिक है।
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