वेतन कटौती के बाद अब निर्वाचण क्षेत्र-कार्यालय भत्ता पर भी लगी रोक
0-कोरोना से जंग, सांसदों को लगा तीसरा झटका
नई दिल्ली,08 अपै्रल (आरएनएस)। कोरोना के खिलाफ जंग में सांसदों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। एक साल तक वेतन में 30 फीसदी की कटौती, दो साल के लिए सांसद निधि योजना स्थगित करने के बाद अब सरकार ने सांसदों को निर्वाचण क्षेत्र और कार्यालय भत्ता के रूप में मिलने वाले प्रतिमाह 27000 रुपये पर रोक लगाने का फैसला किया है। इस प्रकार एक सांसद को हर महीने मिलने वाले वेतन और भत्ते में 57000 रुपये की कटौती झेलनी होगी।
बताया जा रहा है कि संसद की संयुक्त समिति के साथ विचार विमर्श के बाद सरकार ने इस आशय का फैसला लिया है। वेतन की तरह इन भत्ते में भी अगले एक साल तक कटौती की जाएगी। हालांकि समिति ने सांसदों के दूसरे भत्तों और सुविधाओं को जारी रखने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि एक सांसद का मूल वेतन एक लाख रुपये है। इसमें दो दिन पूर्व 30 फीसदी की कटौती की गई। इसके अलावा दो साल के लिए सांसद निधि योजना को स्थगित किये जाने के कारण एक-एक सांसद अपने अपने क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये का विकास कार्य नहीं करा पाएंगे।
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