नई रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के बाद टेलीकंसल्टेशन्स में हुई 25 फीसद बढ़ोतरी

नवंबर 09/11/2020(Rns) : देश के सबसे तेजी से बढ़ते हेल्थ स्टार्टअप myUpchar को यह घोषित करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे टेलीकंसल्टेशन में लॉकडाउन के बाद भी लगातार बढ़ोतरी जारी है। हमारी हेल्थटेक कंपनी ने जुलाई के बाद के तीन महीनों में 25 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की है, इससे पहले लॉकडाउन के दौरान हमने 300 फीसद की बढ़ोतरी हासिल की थी। यह आम धारणा या उम्मीद के बिल्कुल उलट नतीजे हैं। यह डाटा भारत में टेलीकंल्टिंग पर myUpchar द्वारा तैयार की गई अपनी तरह के पहली रिपोर्ट पर आधारित है। शीर्षक : ‘इमर्जेंस ऑफ टेलीकंल्टेशन इन भारत : हाउ भारत हैज लीवरेज्ड टेलीकंसल्टेशन सिंस लॉकडाउन’ यानी ‘भारत में टेलीकंसल्टेशन का उद्भव : भारत ने लॉकडाउन के बाद से कैसे टेलीकंसल्टेशन का लाभ उठाया’। इस नई रिपोर्ट में अगस्त 2020 तक पांच महीने के डाटा का विश्लेषण किया गया है। इसमें लॉकडाउन और इसके बाद के चरणों को शामिल किया गया है, ताकि यह समझा जा सके कि टेलीकंसल्टेशन की सुविधा को आज कौन, कहां से, कैसे, किन समस्याओं के लिए और कितना इस्तेमाल कर रहा है। इस रिपोर्ट से जो कुछ पांच महत्वपूर्ण बिंदु निकलकर आए हैं, वे हैं -● आश्रितों के लिए परामर्श (18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग) – लॉकडाउन समाप्त होने के बाद इसमें 80 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका सीधा अर्थ यह है कि रोगियों के अभिभावकों का टेलीकंसल्टेशन में विश्वास बढ़ा है।● myUpchar पर टेलीकंसल्टेशन की मांग करने वाले 90 फीसद लोग बड़े शहरों और राज्य-राजधानियों से बाहर के थे – इनमें से भी आधे से ज्यादा टीयर-3 (तृतीय श्रेणी) या उनसे भी छोटे शहरों से आए।● जैसा कि उम्मीद थी, जिन राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव है या बुनियादी ढांचा खराब है वहां से ज्यादा टेलीकंसल्टेशन की मांग हुई।● ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अब टेलीकंसलटेशन के माध्यम से चिकित्सा सलाह ले रही हैं। जहां एक ओर टीयर-1 शहरों में रहने वाली महिलाएं myUpchar की सबसे ज्यादा ग्राहक हैं, वहीं टीयर-2,3 और टीयर 4 शहरों की महिलाओं की भी टेलीकंसल्टेशन में रुचि लगातार बढ़ रही है।● जून से अगस्त 2020 के बीच 64 फीसद से ज्यादा मरीजों ने एलोपैथी डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्टेशन की मांग की। आयुर्वेदिक कंसल्टेशन के लिए 24.3 और होमियोपैथी कंसल्टेशन में 11.4 फीसद ने रुचि दिखाई। रिपोर्ट जारी करते हुए कंपनी के सह-संस्थापक रजत गर्ग और मनुज गर्ग ने टेलीकंसल्टेशन में बढ़ोतरी और इस क्षेत्र में हो रही लगातार वृद्धि के लिए myUpchar द्वारा अपने ग्राहकों को मिल रहे गुणवत्तापूर्ण अनुभव और कोविड के बाद ऑनलाइन चिकित्सा सुविधाओं के प्रति लोगों के बढ़ते विश्वास को श्रेय दिया। संस्थापकों को लगता है कि सरकार द्वारा जारी टेलीमेडिसिन प्रैक्टिस गाइडलाइन ने अनुभवी डाक्टरों और विशेषज्ञों के मन में चल रहे संदेह और अनिश्चितताओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। myUpchar के सह-संस्थापक डॉ. मनुज गर्ग ने कहा, ‘भारत का टेलीमडिसिन उद्योग 15 साल से अधिक समय से रेंग रहा था। जैसे ही कोविड-19 पैंडेमिक के रूप में एक चुनौती सामने आई, हमारे डॉक्टरों ने इसे हाथोंहाथ लिया। उन्होंने कोविड-19 से जुड़े लक्षणों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का बीड़ा उठाया जो लॉकडाउन की वजह से स्वास्थ्य केंद्रों या क्लीनिकों तक नहीं पहुंच पा रहे थे।’ ‘हमारे डॉक्टरों ने कंसल्टेशन में अचानक आई बढ़ोतरी को जिस ईमानदारी और करुणा के साथ संभाला इसके लिए उन्हें पूरा श्रेय मिलना चाहिए। उनके प्रयासों का ही असर है कि आज हमें रिपीट कंसल्टेशन मिल रहे हैं और हम पर मरीजों का विश्वास भी बढ़ा है। लॉकडाउन और उसके बाद भी हमारे केमिस्ट व लैब सहयोगियों ने प्रीस्क्रिप्शन और टेस्ट की मांग को पूरे उत्साह और सटीकता से पूरा किया, इससे भी हमें आगे बढ़ने में मदद मिली।’ myUpchar के बारे मेंmyUpchar तेजी से बढ़ता एक हेल्थ स्टार्टअप है, जिसकी स्थापना स्टैन्फोर्ड यूनिवर्सिटी के 2 ग्रैजुएट्स, रजत गर्ग और डॉ मनुज गर्ग ने की। सह-संस्थापकों ने ऐमजॉन और बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप समेत दुनिया की कई वैश्विक कंपनियों के साथ काम किया है।  वर्तमान में, myUpchar हर महीने 5 करोड़ लोगों तक पहुंच रहा है। हमारी वेबसाइट पर आने वाले विजिटर्स के लिए हम कई भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाला कंटेंट तैयार करते हैं। यही नहीं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हमारी नई पहल ‘माइंडयू’ तमाम पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म पर हिंग्लिश में उपलब्ध है। हर महीने हमारे 10 लाख विजिटर्स टेलीकंसल्टेशन्स और अन्य मेडिकल सुविधाओं का उपभोग करते हैं। यह सुविधाएं पूरे भारत में हर समय उपलब्ध हैं। कंपनी को देश के कई बड़े संस्थानों और व्यक्तिगत निवेशकों का समर्थन हासिल है।

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