प्रधान ने भारत को साझेदार बनाने प्रमुख ऊर्जा कंपनियों को आमंत्रित किया
नईदिल्ली,29 अक्टूबर (आरएनएस)। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वैश्विक उद्योग जगत और विशेषज्ञों को भा सभी प्रकार के ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाकर भारत को समृद्ध बनाने में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया है। कल शाम ‘सीईआरए वीक इंडिया एनर्जी फोरमÓ के समापन सत्र में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कोविड-19 महामारी वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, माननीय प्रधानमंत्री द्वारा भारत ऊर्जा संगोष्ठी का उद्घाटन भारत सरकार की ऊर्जा सुरक्षा एवं वास्तु-कला में सुधार करने और ऊर्जा परिदृश्य को बदलने के प्रति चिंतन को दर्शाता है।
प्रधान ने कहा कि हम इस बात के लिए तहे दिल से सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार उस कार्यक्रम का उद्घाटन किया जिसमें उन्होंने सात प्रमुख कारकों के साथ अपने ऊर्जा दृष्टिकोण – भारत के नए ऊर्जा मानचित्र- की रूपरेखा प्रस्तुत की है। मंत्री प्रधान ने प्रधानमंत्री के मुख्य संदेश भारत में ग्राम स्तर पर सार्वभौमिक विद्युतीकरण की तेसे प्रगति, देश में दूर-दूर तक फैले प्रत्येक घर में खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन पहुंचाना और एलईडी बल्बों की राष्ट्रव्यापी आपूर्ति के जरिए बड़े पैमाने पर ऊर्जा क्षमता में अग्रणी होने के कार्य को रेखांकित किया है, जिससे देश में ऊर्जा गरीबी को काफी कम करने के हमारे वादे को पूरा किया जा सके।
प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आयोजन के पहले दिन ही विश्व के प्रमुख तेल और गैस कंपनियों के सीईओ/विशेषज्ञों और प्रमुखों के साथ बातचीत की और भारत में ऊर्जा क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि सरकार की नीति के मूल में सभी भारतीयों को स्वच्छ, सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा की समान पहुंच प्रदान करना है। मोदी ने रेखांकित किया कि भारत को एक आकर्षक गंतव्य-स्थल बनाने के लिए सरकार कई नीतिगत सुधार भी कर रही है। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि एक आत्मनिर्भर भारत भी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक गुणक होगा।
प्रधान ने कहा कि भारतीय तेल और गैस उद्योग ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हमने इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित कर सराहनीय कार्य किया है, जिसमें खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन देश के सबसे दूरस्थ हिस्से तक पहुंचाना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारतीय तेल और गैस उद्योग के प्रमुखों ने न केवल अपने अनुभवों के जरिए योगदान दिया, बल्कि वे इस मंच से नए विचारों को भी आत्मसात कर अपने घर ले जाएंगे।
प्रधान ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के निर्णायक और दूरदर्शी नेतृत्व में, हम कोविड के बाद और इसके दौरान ऊर्जा क्षेत्र में भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए ठोस प्रयास तथा सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट से गुजर रहा है और कोविड महामारी वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न कर रही है। प्रधान ने कहा, हम ऐसे बिंदु पर हैं, जब हमें वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखलाओं में कोविड के कारण उत्पन्न व्यवधानों के प्रभाव का आकलन करना होगा और भारत के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए दृष्टिकोण को भी परखना होगा।
प्रधान ने इस कार्यक्रम के प्रतिभागियों विशेष रूप से सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री एच.आर.एच. प्रिंस अब्दुलअजीज और अमेरिकी ऊर्जा सचिव एच.ई. डैन ब्रोइलेट को भारत ऊर्जा फोरम में अपने विशेष उद्घाटन संबोधनों के लिए धन्यवाद भी दिया। प्रधान ने इस आयोजन में शामिल होने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेलवे, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को भी धन्यवाद दिया।
इस कार्यक्रम में तेल और गैस कंपनियों के लगभग 40 वैश्विक सीईओ, साथ ही सार्वजनिक और निकंपनियों के भारतीय सीईओ ने भी भाग लिया और अपने विचार, सुझाव और निवेश भी प्रस्तुत किए। उद्योग जगत के प्रमुखों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत की ऊर्जा मांग अगले दो दशकों में दोगुना होने का अनुमान है, आने वाले समय में एक सतत विश्व के पुनर्निर्माण में भारत एक अद्वितीय भूमिका अदा करेगा।
सेरावीक द्वारा आयोजित 2017 में शुरू हुआ भारत ऊर्जा फोरम एक वार्षिक कार्यक्रम बन गया है। इसके पीछे का विचार यह है कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों और चुनौतियों पर विचार करने के लिए वैश्विक स्तर के ऊर्जा प्रमुखों और विशेषज्ञों को भारत लाना है। मंत्री प्रधान ने इस वर्चुअल मंच के जरिए भारत ऊर्जा फोरम के चौथे संस्करण के निर्बाध रूप से जारी रखने में योगदान के लिए आईएचएस मर्किट के उपाध्यक्ष डॉ. डैनियल येरगिन और उनकी टीम की सराहना की।
इस तीन-दिवसीय कार्यक्रम दौरान प्रधान ने डॉ. येरगिन की पुस्तक द न्यू मैप का विमोचन भी किया था।
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